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Details: सिकटा विधानसभा चुनाव 2025 (Sikta Assembly Election 2025)

बिहार के राजनीतिक लड़ाई में सभी दल अपनी बिसात बिछा रहे हैं. सत्ता के शीर्ष पर विराजमान होने की लड़ाई के हर सीट के गवाह बन रहे हैं राजा बाबू. ग्राउंड रिपोर्ट पढ़ें- Harnaut Assembly: किस दल से टिकट किसको, ग्राउंड पर मजबूत कौन?

सिकटा विधानसभा सीट
🔹जिला :- पश्चिम चंपारण
🔹लोकसभा सीट :- वाल्मीकि नगर
🔹सांसद:- सुनील कुशवाहा (जेडीयू)
🔹विधायक :- वीरेंद्र गुप्ता (CPI(ML)L)

▪️जातीय/धार्मिक समीकरण :- (संभावित)
मुस्लिम :: 30.2%
यादव :: 10-11%
कुर्मी-कुशवाहा :: 10-11%
SC :: 13.73%
ST :: 3.39%
स्वर्ण :: 10-12%
वैश्य :: 11-12%

▪️संभावित उम्मीदवार :-
🔸NDA:- दिलीप वर्मा (पूर्व विधायक) ,समृद्ध वर्मा (दिलीप वर्मा के पुत्र) ,शिवेंद्र शिबू – सभी बीजेपी
रमेश प्रसाद (जेडीयू)

🔸MGB :- बीरेंद्र गुप्ता- वर्तमान विधायक (CPI(ML)L) , रैफुल आजम (राजद) – पूर्व विधायक फ़ैयाज़ुल आजम के बेटे

🔸JSP :-

🔸अन्य/निर्दलीय :- खुर्शीद अहमद (पूर्व मंत्री) – अगर जेडीयू से टिकट नहीं मिला ।
मोहम्मद तस्लीम

🔸AIMIM :- रिजवान रियाज़ी (पूर्व उम्मीदवार)

▪️ब्लॉक :- MAINATAND एवं सिकटा

▪️मुद्दे :- बरसात में गांव में पानी से संपर्क टूटना ,सड़क की स्थिति खराब , पानी निकासी का बड़ा मुद्दा , नेपाल से आने वाली पानी से बाढ़ और कटाव

Madhubani Assembly: किस दल से किसको टिकट, जीतेगा कौन?

2020 विधानसभा चुनाव में माले के बीरेंद्र गुप्ता ने 5 बार के पूर्व विधायक निर्दलीय दिलीप वर्मा को 2300 वोटों से हराया। NDA में जेडीयू के उम्मीदवार मंत्री खुर्शीद अहमद 36 हजार वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे।

लोकसभा चुनाव 2024 में JDU के उम्मीदवार सुनील कुशवाहा को 8,549 वोटों की बढ़त मिली थी। सुनील कुशवाहा को 82091 वोट वही राजद के दीपक यादव को 73542 वोट प्राप्त हुए।

1) सिकटा विधानसभा सीट मुस्लिम बहुल सीट। M+Y का मजबूत गठजोड़। लेकिन RJD कभी नहीं जीती।

2) वैश्य समाज से आने वाले बीरेंद्र गुप्ता पहली बार विधायक बने।

3) सीट पर आजम परिवार का राजनीतिक इतिहास रहा हैं। आजम परिवार ने 5 बार इस सीट से चुनाव जीता हैं।
अभी फ़ैयाज़ुल आजम के बेटे रैफुल आजम जो युवा राजद के महासचिव है वो भी टिकट के दावेदार।

4) BJP से 5 बार के पूर्व विधायक दिलीप वर्मा सबसे बड़े दावेदार। पिछले 2 चुनाव (2015 ,2020) में 2000 के मामूली अंतर से चुनाव हारे। दिलीप वर्मा का अपना बड़ा जनाधार हैं। दो बार निर्दलीय ,सपा ,बीजेपी जैसी पार्टियों से जीत चुके हैं। दिलीप वर्मा को टिकट नहीं मिलती फिर उनके बेटे दावेदार होंगे।

5) जेडीयू के पूर्व विधायक खुर्शीद अहमद जो नीतीश सरकार में मंत्री रहें हैं वो भी चुनावी तैयारी में लगे हैं। जेडीयू से टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय लड़ेंगे।

6) जनसुराज और AIMIM फैक्टर भी जमीन पर काम कर रही हैं। 2020 में AIMIM के रिजवान को 9 हजार वोट मिले थे।

7) रविदास , कुशवाहा समाज का वोट निर्णायक।