वैशाली: वैशाली जिले के बिदुपुर थाना क्षेत्र के पैकौली गांव में राजद के प्रखंड महासचिव शिव शंकर सिंह (62) की गोली मारकर हत्या ने एक बार फिर बिहार में अपराध और राजनीति के गठजोड़ पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
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सूत्र बताते हैं कि शिव शंकर सिंह हाल ही में जमीन के कारोबार से भी जुड़े थे. यही कारोबार और उनकी राजनीतिक पकड़ कई लोगों के लिए सिरदर्द बन चुकी थी. जानकार मानते हैं कि राजनीति की आड़ में पनप रहा अपराध और आपराधिक गिरोहों के साथ नेताओं की गुप्त साठगांठ ही ऐसी घटनाओं की जड़ है.
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स्थानीय लोगों का कहना है कि वैशाली में अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण मिलता रहा है. पंचायत और विधानसभा स्तर तक नेताओं के साथ अपराधियों के गहरे रिश्ते हैं. सत्ता और संगठनों में पकड़ बनाने के लिए नेताओं को ‘स्थानीय बाहुबलियों’ की जरूरत होती है, वहीं अपराधियों को राजनीतिक सुरक्षा मिल जाती है. यही “पॉलिटिकल-क्रिमिनल नेक्सस” लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा बनता जा रहा है.
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शिव शंकर सिंह की हत्या के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने सड़क जाम और आगजनी कर अपना आक्रोश जाहिर किया. लोगों का कहना है कि जब तक राजनीति अपराधियों से मुक्त नहीं होगी, तब तक ऐसे खून-खराबे थमने वाले नहीं हैं.
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यह घटना केवल एक नेता की हत्या नहीं, बल्कि उस बीमार सिस्टम की तस्वीर है जहाँ “गोलियों और वोटों का खेल” साथ-साथ चलता है. सवाल यह है कि क्या पुलिस और सरकार इस गठजोड़ को तोड़ पाएगी या फिर एक और केस फाइलों में दबकर रह जाएगा?