पटना: आज यानी 24 सितंबर 2025 को पटना में कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक आयोजित की गई, जो आजादी के बाद बिहार में पहली बार हो रही है. इस महत्वपूर्ण बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए. बैठक का आयोजन सदाकत आश्रम में किया गया और यह शाम 4 बजे तक चली. इस बैठक को बिहार विधानसभा चुनाव से जोड़कर बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि पार्टी इसे राज्य में अपनी सक्रिय भूमिका स्थापित करने और कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए रणनीतिक कदम मान रही है.
Politics : आज़ादी के बाद पहली बार पटना में कांग्रेस की CWC बैठक! 76 सीटों पर दांव, राजद से टकराव की आहट… प्रियंका की सभा बनेगी मास्टरस्ट्रोक?
बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बीजेपी पर तीखा हमला किया. उन्होंने कहा कि भाजपा ने नीतीश कुमार को मानसिक रूप से रिटायर मान लिया है और अब उन्हें बोझ समझती है. खड़गे ने बिहार में बढ़ती बेरोजगारी, किसानों की आय, बाढ़ और युवाओं के पलायन जैसे मुद्दों पर NDA पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की विदेश और आर्थिक नीतियां असफल रही हैं और “PM के दोस्त” देश को संकट में डाल रहे हैं. उन्होंने यह भी दावा किया कि चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं और देशभर में वोटों की चोरी की साजिश रची जा रही है. उनका कहना था कि वोट चोरी का मतलब केवल चुनाव में नुकसान नहीं है, बल्कि यह दलित, आदिवासी, पिछड़ा, अति-पिछड़ा, अल्पसंख्यक और गरीब नागरिकों के राशन, पेंशन, दवाई, स्कॉलरशिप और परीक्षा की चोरी से जुड़ा हुआ है.

Politics : देश की सबसे महंगी बिजली, किसानों की खोई जमीन – क्या ये लोकतंत्र है?
खड़गे ने GST और नोटबंदी के फैसलों पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि GST और नोटबंदी की गलत नीतियों के कारण अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई और 2 करोड़ नौकरियों का वादा अधूरा रह गया. युवाओं के रोजगार की स्थिति चिंताजनक है और रोजगार न मिलने के कारण वे पलायन कर रहे हैं. उन्होंने किसानों की आय दोगुनी करने के प्रधानमंत्री के वादे में विफलता का भी जिक्र किया और 2020-21 के तीन काले कानूनों और किसान आंदोलन के दौरान 750 से अधिक किसानों की शहादत की बात उठाई.
Politics : राजनीति में लीगल showdown! संजय जायसवाल बनाम प्रशांत किशोर!
बैठक में शामिल कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि बिहार में बदलाव निश्चित है. उन्होंने जाति जनगणना के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि इसके आंकड़ों के आधार पर कई सुधार और नीति निर्माण किए जा सकते हैं. पायलट ने यह भी कहा कि राहुल गांधी की मांग के बाद केंद्र सरकार को जाति जनगणना करवानी पड़ी, जो बिहार चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है.

Politics : राहुल-तेजस्वी की यात्रा पर बड़ा सवाल!
भूपेश बघेल ने भी बैठक में पीएम मोदी की विदेश नीति और आर्थिक नीतियों की आलोचना की. उन्होंने कहा कि भारत के नागरिकों को अमेरिका ने बेड़ियों में जकड़कर भेजा, और विदेश मंत्रालय ने इसका कोई विरोध नहीं किया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की विदेश नीति, पड़ोसी देशों से संबंध और आर्थिक नीति फेल हो चुकी है. बिहार में डबल इंजन की सरकार का रिंग इंजन खराब हो चुका है और यह सुधार की मांग करता है.
Politics : क्या वाकई राहुल से डर गई है मोदी सरकार?
बैठक में अन्य नेताओं ने भी बेरोजगारी, भर्ती घोटाले और टिकट वितरण से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की. कांग्रेस कार्य समिति की सदस्य यशोमती ठाकुर ने कहा कि सभी संवैधानिक संस्थाओं पर सरकार ने कब्जा कर लिया है और आम आदमी का शोषण बढ़ा है. उन्होंने देश में बेरोजगारी के बढ़ते स्तर पर चिंता जताई और कहा कि इसके प्रभाव से युवा आंदोलन कर रहे हैं.

Politics : पूर्णिया की सड़कों पर इतिहास – राहुल-तेजस्वी की बुलेट राइड!
बैठक के आयोजन स्थल सदाकत आश्रम का ऐतिहासिक महत्व भी चर्चा में रहा. इस आश्रम ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कई महत्वपूर्ण घटनाओं की मेजबानी की थी. यहां महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और राजेंद्र प्रसाद जैसी हस्तियों ने आजादी की लड़ाई की रणनीति तैयार की थी. आजादी के बाद पहली बार बिहार में आयोजित यह CWC बैठक उसी ऐतिहासिक महत्व को दोहराती नजर आई.
Politics : वोटर अधिकार यात्रा: प्रियंका गांधी की एंट्री से क्यों कांपने लगा NDA?
बैठक की तैयारी बेहद व्यापक रूप से की गई थी. सदाकत आश्रम में 30,000 स्क्वायर फीट का जर्मन हैंगर टेंट तैयार किया गया, जिसमें एयर-कंडीशनिंग और विशेष लाइटिंग की व्यवस्था थी. इस टेंट में बिहार के साथ-साथ अन्य राज्यों की संस्कृति को पेंटिंग और झूमर, डिजिटल वर्म लाइट के माध्यम से प्रदर्शित किया गया. राजधानी के चार बड़े होटलों में 175 कमरे और छोटे-बड़े होटलों को मिलाकर कुल 300 कमरों की बुकिंग की गई, ताकि नेताओं और स्टाफ के लिए ठहरने की पर्याप्त व्यवस्था हो.

Politics : मुजफ्फरपुर में राहुल-प्रियंका-तेजस्वी का ऐतिहासिक स्वागत!
बैठक में शामिल होने के लिए राहुल गांधी दिल्ली से पटना पहुंचे. उन्हें रिसीव करने के लिए प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम और बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरू एयरपोर्ट पर मौजूद थे. इसके अलावा जयराम रमेश, पवन खेड़ा, सचिन पायलट, अलका लांबा, भूपेश बघेल और अन्य वरिष्ठ नेता भी बैठक में शामिल हुए. तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और हिमाचल प्रदेश के CM सुखविंदर सिंह सुक्खू भी बैठक में शामिल हुए.
Politics : मुजफ्फरपुर में राहुल-प्रियंका-तेजस्वी का ऐतिहासिक स्वागत!
बैठक में बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति पर भी चर्चा हुई. कांग्रेस ने बिहार में खुद को केंद्र में रखने की कोशिश की और कार्यकर्ताओं में उत्साह बढ़ाने पर जोर दिया. पार्टी ने पिछले अनुभवों से सीखा है कि CWC बैठक के बाद कार्यकर्ताओं में जोश और चुनावी तैयारी बेहतर होती है. उदाहरण के तौर पर, साल 2023 में तेलंगाना में हुई CWC बैठक के बाद कांग्रेस की सरकार बनी थी.

Politics : 65 लाख वोटर का नाम काटा गया… राहुल गांधी ने खोला राज़!
बैठक में टिकट वितरण और उम्मीदवारों के चयन को लेकर भी कड़ी चर्चा हुई. गया के टिकारी विधानसभा क्षेत्र से आए कार्यकर्ताओं ने टिकट को लेकर नारेबाजी की. सदाकत आश्रम के बाहर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया था और पुलिस एवं कार्यकर्ताओं के बीच एंट्री को लेकर कुछ बहस भी हुई.
Politics : पूरा लखीसराय सड़कों पर… राहुल गांधी की रैली में जोश हाई!
बैठक के दौरान खानपान का विशेष इंतजाम किया गया. नवरात्र को देखते हुए वेजिटेरियन भोजन की व्यवस्था की गई थी और राहुल गांधी के लिए विशेष रूप से बिहार का लिट्टी-चोखा तैयार किया गया.

Politics : रैली की जगह राहुल ने क्यों चुनी पदयात्रा? — पीछे है बड़ा सियासी दांव!
कुल मिलाकर, पटना में हुई CWC बैठक कांग्रेस के लिए बिहार विधानसभा चुनाव से पहले रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण साबित हुई. इस बैठक के जरिए पार्टी ने न केवल वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी सुनिश्चित की बल्कि कार्यकर्ताओं में उत्साह, चुनावी तैयारी और बिहार में सत्ता परिवर्तन के एजेंडे को भी मजबूती दी.