औरंगाबाद: मंडल कारा औरंगाबाद में एक विचाराधीन कैदी धर्मेंद्र कुमार राम की शनिवार को सदर अस्पताल में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. घटना ने मानवता को शर्मसार कर दिया, क्योंकि मृतक का हथकड़ी में ही ईसीजी कराया गया और पुलिस ने मृतक के हाथ से हथकड़ी नहीं खोली.
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धर्मेंद्र को बुधवार को छह लीटर शराब के साथ गिरफ्तार किया गया था. गुरुवार को कोर्ट ने उन्हें जेल भेजा. शनिवार को अचानक उनकी तबियत खराब हुई और उन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा गया. पत्नी का आरोप है कि शुक्रवार को उनसे मुलाकात नहीं करवाई गई और अस्पताल आने पर पता चला कि पति का निधन हो चुका है.
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मौत के बाद आक्रोशित परिजनों और ग्रामीणों ने रमेश चौक पर शव रखकर सड़क जाम कर दिया और जेल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. विरोधियों ने कहा कि जेल प्रशासन की लापरवाही से धर्मेंद्र की मौत हुई.
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प्रदर्शन को नियंत्रित करने पहुंचे नगर थानाध्यक्ष उपेन्द्र सिंह पर प्रदर्शनकारियों ने हमला किया, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया. भीड़ तितर-बितर हुई, लेकिन जाम लगभग चार घंटे तक बना रहा.
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बाद में एसडीएम संतन कुमार सिंह और एसडीपीओ संजय कुमार पांडेय ने घटनास्थल पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों को शांत किया. अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि कैदी की मौत की जांच की जाएगी और असामाजिक तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी.
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यह घटना न केवल जेल प्रशासन और पुलिस की लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि मानवाधिकार, कैदियों की सुरक्षा और पुलिस द्वारा जिम्मेदारी निभाने की गंभीर चुनौती को भी सामने लाती है. सोशल मीडिया और स्थानीय राजनीतिक हलकों में मामला तेजी से चर्चा में है.