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Politics : सिहांसन का फैसला ‘भूराबाल’ करेंगे? आनंद मोहन के विवादित बयान!

मुजफ्फरपुर: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले पूर्व सांसद आनंद मोहन ने अपने विवादित बयानों से राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है. रघुवंश कर्पूरी विचार मंच द्वारा मुजफ्फरपुर के इमलीचट्टी स्थित निजी होटल में आयोजित कार्यक्रम में आनंद मोहन मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए और उन्होंने तीखे बयान देते हुए राजनीतिक सरगर्मी पैदा की.

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पूर्व सांसद ने कहा कि इस बार बिहार में कौन सिंहासन पर बैठेगा, इसका फैसला अंततः “भूराबाल” यानी भुमिहार, ब्राह्मण और राजपूत तय करेंगे. आनंद मोहन ने आगे कहा कि चाहे कोई चिराग पासवान से लड़ रहा हो, कोई जितन राम मांझी से, कोई नीतीश कुमार से और कोई लालू प्रसाद यादव से, लेकिन अंत में भूराबाल ही निर्णायक होंगे. उन्होंने यह भी कहा कि भूराबाल को साफ करने वाले और जनता को इमरजेंसी जैसी परिस्थितियों में कैद करने वाले देश नहीं चला सकते.

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आनंद मोहन ने कार्यक्रम में बिहार की राजनीतिक बिखराव और कट्टरता पर भी तीखा हमला किया. उन्होंने कहा कि रघुवंश बाबू समाज सेवा के क्षेत्र में दुखी मन से इस दुनिया से चले गए, और उनका जाना आज भी अधूरापन जैसा लगता है. रघुवंश बाबू उस पीढ़ी के नेता थे जिनकी ट्रेनिंग जाति या धर्म पर नहीं बल्कि समाजवाद पर आधारित थी.

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पूर्व सांसद ने गांधी हत्या का जिक्र करते हुए कहा कि गोडसे ने गांधी की हत्या करके देश को 100 साल पीछे धकेल दिया, और अब सावरकर की प्रतिमा बनाई जा रही है, जो चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि कट्टर मुसलमानों ने बांग्लादेश में और कट्टर हिंदुओं ने नेपाल में समाजवाद को कमजोर किया है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है.

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आनंद मोहन के इन बयानों ने बिहार की सियासत में नई हलचल पैदा कर दी है और आगामी विधानसभा चुनाव में इसका असर देखने को मिलेगा.

चंदन कुमार
कंटेंट ब्यूरो एडिटर
सहारा समय बिहार.