बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में स्थित लौरिया विधानसभा क्षेत्र एक खास पहचान रखता है।
विधायक – विनय बिहारी
दल – भाजपा
आर्थिक स्थिति:
यह विधानसभा कृषि पर आधारित है। मुख्य फाल यहाँ का धान, गेहूं, और मक्का है। यहाँ के लोग आजीविका के लिए पशुपालन भी करते हैं। मजदूरी करने के लिए यहाँ के लोग पंजाब, दिल्ली जैसे बड़े शहरों में जाते हैं। पलायन यहाँ की आम समस्या है। उधोग के यहाँ कम साधन हैं। यहाँ के छोटे बड़े बाजार हैं, जो आर्थिक गतिविधियों के लिए जाना जाता है।
राजनीतिक स्थिति:
यह विधानसभा एक तरह से राजनीतिक रूप से जागरूक इलाका माना जाता है। लोग चुनावों में बढ़ चढ़ कर हिसा लेते हैं। लोकल मुद्दे जैसे कि स्वास्थ्य, शिक्षा चुनावी दिशा को तय करते हैं। विभिन्न पार्टियां अलग-अलग समय में जीतती रही हैं। यहाँ के दलों में खूब प्रतिस्पर्धा रहता है।
जातीय संरचना:
यहाँ की आबादी में ओबीसी यादव, कुशवाहा, एससी में पासवान, सवर्ण में राजपूत, ब्राह्मण, भूमिहार और मुस्लिम समुदाय के लोग आपसी भाईचार के साथ रहते है। जाति का प्रभाव चुनाव से लेकर सामाजिक जीवन तक दिखाई देता है, लेकिन आपसी मेल-जोल और सांझी विरासत भी बनी हुई है।
भौगोलिक स्थिति:
यह विधानसभा क्षेत्र नेपाल के ठीक बॉर्डर पर स्थित है। यहां कि मिट्टी तराई इलाका होने कारण काफी उपजाऊ है। फसलों में यहाँ मुख्य रूप से धान, गेहूं और मक्का होता है। बारिश का इलाका होने के कारण यहां हरियाली प्रचुर मात्रा में मिलती है। कुछ छोटी नदियाँ यहाँ से हो कर गुजरती हैं। यहाँ गर्मियों में मौसम गर्म और ठंडी में मौसम ठण्ड रहता है।
ऐतिहासिक महत्व:
यहाँ मौर्य सम्राट अशोक का एक विशाल शिला स्तंभ स्थित है, जो बौद्धकालीन इतिहास की गवाही देता है। यह स्थान इतिहासकारों और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
Leave a Reply