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Flood : CM का हवाई सर्वे, लेकिन बाढ़ पीड़ितों के चेहरे पर सिर्फ चिंता!

पटना : मानसून के इस सीज़न में बिहार बाढ़ की त्रासदी से जूझ रहा है.राज्य के 12 जिले पूरी तरह पानी में डूबे हुए हैं, जबकि 17 लाख से ज्यादा लोग इस आपदा से प्रभावित हैं.सबसे ज़्यादा असर भागलपुर, बेगूसराय, कटिहार, लखीसराय, खगड़िया और समस्तीपुर जिलों में देखने को मिल रहा है.गंगा और उसकी सहायक नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे निचले इलाकों में पानी भर गया है और लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं.

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गंगा का जलस्तर बढ़ा, गांवों में घुसा पानी
भागलपुर में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया है.नवगछिया इलाके में कई गांव जलमग्न हो चुके हैं.गंगा के तेज बहाव ने कटाव भी बढ़ा दिया है, जिससे 40 से अधिक घर नदी में समा गए.बेगूसराय में बाढ़ से 50,000 से ज्यादा लोग प्रभावित हैं.कई जगहों पर लोग नावों के सहारे आना-जाना कर रहे हैं.

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CM नीतीश का हवाई सर्वे
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को बाढ़ प्रभावित जिलों का हवाई सर्वे किया.उन्होंने आपदा प्रबंधन विभाग और जिला प्रशासन को राहत और बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए.नीतीश ने कहा, “सरकार बाढ़ पीड़ितों के साथ खड़ी है, हर ज़रूरतमंद को राहत सामग्री और सुरक्षित ठिकाना उपलब्ध कराया जाएगा.”

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राहत शिविर और भोजन की व्यवस्था
सरकार और प्रशासन ने कई जिलों में राहत शिविर स्थापित किए हैं, जहां बाढ़ पीड़ितों के लिए भोजन, पानी और चिकित्सा की व्यवस्था की गई है.बेगूसराय में DM के नेतृत्व में अधिकारियों ने खुद शिविरों में जाकर लोगों को भोजन परोसा.

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मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग ने बिहार के 26 जिलों में अगले 48 घंटों तक भारी बारिश और आंधी का अलर्ट जारी किया है.इससे बाढ़ की स्थिति और बिगड़ने की आशंका है.विभाग ने निचले इलाकों के लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है.

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लोगों की परेशानियां बढ़ीं
बाढ़ से सड़क संपर्क टूट गया है, कई गांव बाहरी दुनिया से कट चुके हैं.किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं और पशुओं के लिए चारा संकट गहरा गया है.स्वास्थ्य सेवाओं पर भी दबाव बढ़ गया है, क्योंकि कई अस्पतालों में पानी भर गया है.

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बिहार में हर साल बाढ़ से भारी तबाही होती है, लेकिन इस बार हालात और गंभीर दिख रहे हैं.सरकार और प्रशासन लगातार दावा कर रहे हैं कि बचाव कार्य जारी हैं, लेकिन बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि मदद पर्याप्त नहीं है.अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि आने वाले दिनों में जलस्तर घटेगा या संकट और बढ़ेगा।

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