कभी अपने पिता के साथ सिलेंडर ढोने वाला लड़का आज सरकारी अफसर बनने जा रहा है वो भी Basic Shiksha Adhikari (BSA) जैसा बड़ा पद. जी हां, हम बात कर रहे हैं टीम इंडिया के स्टार फिनिशर और KKR के धांसू बल्लेबाज़ रिंकू सिंह की. हाल ही में खबर आई कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने रिंकू सिंह को “अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता सीधी भर्ती नियमावली-2022” के तहत बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. लेकिन सवाल ये उठता है कैसे? एक खिलाड़ी, जिसने सिर्फ 8वीं तक पढ़ाई की, जिसे 9वीं में फेल कर दिया गया, वो कैसे शिक्षा विभाग का अधिकारी बन सकता है? तो चलिए आपको पूरी कहानी बताते हैं संघर्ष से सरकार तक की ये शानदार जर्नी
अलीगढ़ की गलियों से इंटरनेशनल क्रिकेट तक:
रिंकू सिंह का जन्म उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के एक साधारण परिवार में हुआ था. उनके पिता गैस एजेंसी में सिलेंडर डिलीवरी का काम करते थे, और कई बार रिंकू भी घर चलाने के लिए उनके साथ सिलेंडर पहुंचाने जाते थे. घर छोटा था, जिम्मेदारियां बड़ी. इसी बीच रिंकू ने 9वीं में फेल हो जाने के बाद पढ़ाई छोड़ दी. लेकिन उनका सपना क्रिकेट अभी ज़िंदा था.
एक इंटरव्यू के दौरान रिंकू ने बताया कि जब उनके घर की आर्थिक स्थिति खराब थी तो वह नौकरी ढूंढ रहे थे. इसी बीच उन्हें एक कोचिंग सेंटर में झाड़ू-पोछा लगाने का काम मिला, इससे उनके दिल को काफी चोट पहुंची. फिर उन्होंने अपना पूरा जीवन क्रिकेट में समर्पित कर दिया.
- जब मैदान ने पहचाना टैलेंट:
- IPL के अपने शुरुआती दिनों में रिंकू को KKR में सिर्फ बेंच पर बैठना पड़ता था. कभी-कभी उन्हें सिर्फ मैच में फील्डिंग करने का मौका मिलता था, लेकिन इस दौरान भी उन्होंने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया. जब IPL 2023 में उन्हें मौका मिला, तो उन्होंने वो कर दिखाया, जो इतिहास बन गया.
- गुजरात टाइटन्स के खिलाफ जब आखिरी ओवर में 30 रन चाहिए थे, तो रिंकू ने लगातार 5 छक्के मारकर KKR को जीत दिलाई. इस मैच ने रिंकू की तक़दीर बदल दी.
- फिर टीम इंडिया में भी उन्हें मौका मिला और उन्होंने साबित किया कि आज के मॉडर्न क्रिकेट में वह सबसे बेहतरीन “फिनिशर” में से एक है.
अब सरकारी अफसर बनने की बारी!
अब बात करते हैं रिंकू सिंह की उस नई भूमिका की, जो क्रिकेट से अलग है — Basic Shiksha Adhikari यानी (BSA).
उत्तर प्रदेश सरकार की एक नीति है, जिसमें जो खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन करते हैं, उन्हें सरकारी सेवा में सीधी नियुक्ति दी जाती हैं. इसी नीति के तहत रिंकू को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) बनाने की तैयारी की जा रही है.
इस नीति को कहते हैं — “अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता सीधी भर्ती नियमावली-2022”. इस पर बेसिक शिक्षा निदेशक कार्यालय की ओर से पत्र भी जारी किया गया है.
क्या-क्या मिलेगा रिंकू को इस पद से?
अब सवाल उठता है — BSA बनने से रिंकू को क्या-क्या मिलेगा?
✅ शुरुआती सैलरी: ₹70,000 से ₹90,000 (HRA और शहर पर निर्भर)
✅ सरकारी आवास
✅ फ्री मेडिकल सुविधा
✅ पेंशन और अन्य भत्ते
✅ हर साल वेतन में वृद्धि
इस पद का मूल वेतन ₹56,100 से शुरू होता है और अनुभव के साथ ये ₹1,77,500 प्रति माह तक जा सकता है. यानी एक खिलाड़ी जो कभी आर्थिक मजबूरी के कारण खुद स्कूल नहीं जा पाया, अब स्कूल सिस्टम चलाने वाला अफसर बनने जा रहा है. अपनी कड़ी मेहनत के दम पर रिंकू ने ये मुकाम हासिल किया है.
शादी और विवाद भी साथ-साथ:
हाल ही में रिंकू की सपा सांसद प्रिया सरोज के साथ सगाई हुई. दोनों की शादी 18 नवंबर को वाराणसी में तय मानी जा रही थी, लेकिन घरेलू क्रिकेट के चलते शादी की तारीख आगे बढ़ा दी गई. अब जब BSA नियुक्ति की खबर आई, तो कुछ लोग इसको राजनीतिक कनेक्शन से भी जोड़ रहे हैं. सोशल मीडिया पर सवाल उठ रहे हैं कि “9वीं फेल इंसान शिक्षा विभाग कैसे चला सकता है?”
हालांकि, सरकार ने साफ कर दिया है कि ये नियुक्ति पूरी तरह नीति के तहत है, और रिंकू ने अपने टैलेंट से देश का नाम रोशन किया है. यही वजह है कि उन्हें ये सम्मान मिल रहा है.
हाल ही में रिंकू सिंह ने अलीगढ़ में 3.5 करोड़ का आलीशान बंगला बनवाया. IPL 2025 में KKR ने उन्हें ₹13 करोड़ में रिटेन किया और अब सरकारी नौकरी के रूप में उन्हें वे सम्मान मिल रहा है जिसके वह हकदार थे.
रिंकू सिंह की कहानी ये बताती है कि पढ़ाई जरूरी है, लेकिन मेहनत उससे कहीं बड़ी चीज़ है. जिस लड़के को 9वीं में फेल कर दिया गया था, आज वही लड़का स्कूलों के एडमिनिस्ट्रेशन का जिम्मा संभालेगा. ये कहानी उन लाखों युवाओं के लिए एक प्रेरणा है, जो हालात से हार मान लेते हैं.
रिंकू ने साबित कर दिया — हालात कैसे भी हों, अगर सपना सच्चा हो, तो मंज़िल मिल ही जाती है.
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