Advertisement

भारत की बल्लेबाजी बुरी तरह लड़खड़ाई,Team मैनेजमेंट की रणनीति पर उठे बड़े सवाल

IND vs SA दूसरे टेस्ट मैच में टीम इंडिया मात्र 123 रन पर 7 विकेट गंवाकर गहरे संकट में फंस गई है। इस खराब प्रदर्शन ने चयन और रणनीति, दोनों पर ही उंगली उठा दी है. तीन विकेटकीपर—ध्रुव जुरैल, ऋषभ पंत और केएल राहुल—को एक साथ टीम में शामिल करना समझ से परे बताया जा रहा है, क्रिकेट विशेषज्ञों का कहना है कि टेस्ट क्रिकेट में प्रयोग नहीं, बल्कि स्थिरता, धैर्य और तकनीक की जरूरत होती है.

टीम में नीतीश रेड्डी जैसे फॉर्मेट-आधारित खिलाड़ियों को शामिल करना और क्लासिक टेस्ट कॉम्बिनेशन से हटकर T20 मानसिकता अपनाना टीम इंडिया को भारी पड़ रहा है, जबकि टेस्ट क्रिकेट में मजबूत टॉप ऑर्डर और भरोसेमंद स्पेशलिस्ट बल्लेबाज सबसे अहम माने जाते हैं.

इसके अलावा भारत के पास दो ऑलराउंडर—रविंद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर—पहले से मौजूद हैं। ऐसे में पार्ट-टाइम बल्लेबाज और एक्सपेरिमेंटल कॉम्बो ने संतुलन बिगाड़ दिया है. मुख्य कोच गौतम गंभीर और चीफ सिलेक्टर अजीत आगरकर की रणनीति लगातार सवालों के घेरे में है. विशेषज्ञों का कहना है कि गलत चयन नीति और अत्यधिक प्रयोगवाद से भारत टेस्ट क्रिकेट में पिछड़ सकता है, यदि इसी तरह के निर्णय जारी रहे, तो आने वाले दिनों में टीम इंडिया को और भी कड़वा अनुभव झेलना पड़ सकता है. मौजूदा हालात भारतीय क्रिकेट के लिए निश्चित रूप से चिंताजनक संकेत हैं.

इसे भी पढ़े- Bihar : 200 खिलाड़ियों के बीच शेखपुरा के 11 सितारे चमके, ब्लैक बेल्ट में मिली सफलता!