रिलेशनशिप में अक्सर देखा जाता है कि लड़कियां अपनी फीलिंग्स सीधे व्यक्त नहीं करतीं, जबकि लड़के ही पहला कदम उठाते हैं और प्रपोज करते हैं. यह सिर्फ शायरी या रोमांस का नियम नहीं है, बल्कि इसके पीछे कई साइकोलॉजिकल और सामाजिक कारण छिपे होते हैं. आइए जानते हैं कि आखिर क्यों लड़कियां पहले अपनी भावनाएं नहीं खोलतीं और लड़के ही पहल क्यों करते हैं.
डर और अनिश्चितता
लड़कियां अक्सर डरती हैं कि अगर उन्होंने अपने प्यार का इजहार किया और सामने वाला उसी तरह महसूस न करे, तो उन्हें ठेस पहुंच सकती है. इसलिए वे पहले फीलिंग्स को टेस्ट करने का इंतजार करती हैं.
सामाजिक और पारिवारिक सोच
कई परिवारों में लड़कियों को सीधे प्यार जताने की आजादी नहीं होती, सामाजिक नियम और परंपराएं उन्हें सावधानी बरतने के लिए बाधित करती हैं.
फीलिंग्स को परखना चाहती हैं
लड़कियां अक्सर देखना चाहती हैं कि लड़के का इरादा कितना सच्चा और गंभीर है, इसलिए वे अपनी फीलिंग्स धीरे-धीरे जताती हैं.
रोमांच और एक्साइटमेंट
कुछ लड़कियों के लिए धीरे-धीरे फीलिंग्स बताना रोमांच और एक्साइटमेंट का हिस्सा होता है, यह उनके रिलेशनशिप को और मजेदार और यादगार बनाता है.
आत्मविश्वास का फर्क
कुछ लड़कियां shy या introvert होती हैं, इसलिए उन्हें पहले बोलने में कठिनाई होती है, वहीं लड़के अक्सर confidence के साथ पहल करते हैं.