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Social media: सावधानी हटी, रिश्तों में दुर्घटना घटी ?

आज का समय डिजिटल दुनिया का है, जितना लोग एक दूसरे से जुड़ रहे हैं उतना ही असल ज़िंदगी से दूर भी होते जा रहे हैं. इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म आज हमारी ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन चुके हैं. लेकिन जब रिश्ते पूरी तरह से सोशल मीडिया पर ही निर्भर हो जाते हैं तो बहुत सी समस्याएं आती हैं.

आज के रिश्ते और उनपर सोशल मीडिया का असर –

पहले के समय लोग समय, संवाद और विश्वास के दम पर रिश्तों को मजबूत रखते थे. लेकिन वहीं आज का समय है जहां लोग अपने पार्टनर के साथ बितायी हर चीज़ सोशल मीडिया पर डाल रहे हैं यहां तक कि अपना रिश्ता बचाने के लिए भी वे सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं.

आजकल के रिश्ते स्टोरीज़, स्टेटस, लाइक्स और कमेंट के ज़रिये निभाये जा रहे हैं. पर कभी कभी ये सब चीज़ें समस्या भी बन जाती है.

ज़रूरत से ज़्यादा निर्भरता के नुक़सान:

इस सोशल मीडिया वाले प्यार की वजह से आज के रिश्तों में भरोसे की कमी हो चुकी है. जब पार्टनर अन्य की फोटो लाइक करता है या किसी अन्य की पोस्ट पर कमेंट करता है तो दूसरे पार्टनर को शक होने लगता है और धीरे धीरे वही शक विश्वास की कमी में बदल जाता है.

आजकल सोशल मीडिया के चक्कर में प्राइवेसी तो रह ही नहीं गई है. लोग अपने झगड़े, रोमांटिक पोस्ट, या गिफ्ट सब कुछ उसमें डाल देते हैं जिसके कारण हर कोई आपके निजी पलों का हिस्सा बन जाता है.

बहुत से लोग ऐसे भी हैं जो सोशल मीडिया पर परफेक्ट कपल्स को देखकर अपने रिश्तों की उनसे तुलना करने लगते हैं , उन्हें लगता है कि “उनकी ज़िंदगी इतनी खुशहाल है, तो हमारी क्यों नहीं?” जो उनके रिश्तों को अंदर ही अंदर खोखला कर देती है.

बहुत से लोग ऐसे भी होते हैं जो बनावटी पोस्ट डालते हैं जैसे “हैप्पी कपल”, “परफेक्ट लाइफ” जबकि हकीकत में उनके रिश्ते टूटने की कगार पे होते हैं.
क्यों हो रहे हैं सोशल मीडिया पर निर्भर लोग?

आजकल के लोगों को लगता है उनसे कहीं कुछ मिस ना हो जाए वे हर समय यही देखते हैं कि सोशल मीडिया पर क्या नया आ रहा है, कौन क्या पोस्ट कर रहा है, किसने किसे गिफ्ट दिया. लोग चाहते हैं की जैसा दूसरे कर रहे हैं वैसे हमारा पार्टनर क्यों नहीं कर रहा है.

लोग दूसरों की पोस्ट पर ज़्यादा लाइक्स , कमेंट्स देखकर अपने रिश्ते को मापते हैं.उन्हें लगता है कि इनको उसी सेम चीज़ पर इतने लाइक्स आए हैं पर हमारे पे नहीं आए.

आजकल तो सबसे ज़्यादा लोग ट्रेंड के पीछे भागते है उन्हें वही करना अच्छा लगता है जो सब कर रहे होते हैं.उन्हें दूसरों को दिखाने के लिए अपने रिश्तों को परफॉर्म करना पड़ता है.

सोशल मीडिया ने जहां लोगों को एक दूसरे से जोड़ रखा है, वहीं रिश्तों में एक अदृश्य दीवार बनती जा रही है. तकनीकी का इस्तेमाल करना तो सही है लेकिन उसका सही इस्तेमाल करना जरूरी है ताकि वह आपके रिश्तों को अपना गुलाम ना बना सके. एक अच्छा रिश्ता वही होता है जो दिल से निभाया जाये ना कि पोस्ट, लाइक, और स्टोरीज के सहारे.

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