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Advice: Teenagers का डिप्रेशन, समय रहते कैसे पहचानें?

Teenagers की जिंदगी बाहर से जितनी रंगीन और खुशहाल दिखती है, भीतर से उतनी ही उलझी और भारी भी हो सकती है. एग्जाम स्ट्रेस, बॉडी इमेज से जुड़ी असुरक्षा, ब्रेकअप का दर्द या घर का दबाव—इन सबका असर किशोरों की मानसिक सेहत पर गहरा पड़ सकता है. कई बार वो मुस्कुराते चेहरे के पीछे गंभीर डिप्रेशन छुपा होता है, जिसे समय रहते समझना और संभालना जरूरी है. पजेसिवनेस Love है या मेंटल बीमारी, डॉक्टर से जानें

छुपा हुआ डिप्रेशन: दिखता नहीं, मगर महसूस होता है, साइकोलॉजिस्ट डॉ. नीरा अग्रवाल कहती हैं . “कई टीनएजर्स डिप्रेशन में होते हुए भी बाहर से सामान्य दिखते हैं. वे सोशल मीडिया पर हंसते-खेलते नजर आते हैं लेकिन भीतर से टूट रहे होते हैं.”

संकेतों में शामिल हो सकते हैं: Relationship tips:

  • पहले पसंद आने वाली चीज़ों में रुचि कम हो जाना
  • नींद या भूख का असंतुलन
  • बार-बार चिढ़चिढ़ापन या गुस्सा
  • आत्मसम्मान में गिरावट
  • खुद को नुकसान पहुंचाने की बातें करना

सबसे बड़ा दबाव – “बेस्ट” बनने का

एग्जाम स्ट्रेस और फैमिली प्रेशर अक्सर टीनएजर्स के लिए बेहद भारी हो सकता है. स्कूल काउंसलर रिचा वर्मा कहती हैं, “अक्सर माता-पिता अनजाने में तुलना और अपेक्षाओं का बोझ डालते हैं. ये दबाव बच्चों को आत्मसंदेह और चिंता की ओर धकेल सकता है.”

बॉडी इमेज और सोशल मीडिया का जाल

डॉ. नीरा बताती हैं, “सोशल मीडिया पर ‘परफेक्ट’ बॉडीज़ और चेहरों की तुलना टीनएजर्स को अपनी असलियत से शर्मिंदा कर सकती है.” बॉडी इमेज को लेकर आत्मसंदेह, खाने की आदतों में बदलाव और खुद से नफरत जैसे संकेत भी गंभीर हैं.

ब्रेकअप: छोटा नहीं, भावनात्मक तूफान

किशोर उम्र का प्यार और ब्रेकअप उन्हें गहरे झटके दे सकता है.

काउंसलर रिचा कहती हैं, “इस उम्र में भावनाएं बहुत तीव्र होती हैं. ब्रेकअप से गुजर रहे बच्चे को यह समझाना जरूरी है कि ये अस्थायी है और वह अकेला नहीं है.”

समय रहते पहचानें – ये कदम ज़रूरी हैं:

  • सुनें – बिना टोके, बिना सलाह दिए पहले सुनें
  • जज न करें – टीनएजर्स को ‘ओवररीऐक्टिंग’ कहना उन्हें और दूर कर सकता है
  • रूटीन पर ध्यान दें – सोना, खाना, पढ़ना सब में अचानक बदलाव डिप्रेशन के संकेत हो सकते हैं
  • थैरेपी को सामान्य बनाएं – जैसे फिजिकल बीमारी में डॉक्टर के पास जाना ठीक है, वैसे ही मेंटल हेल्थ के लिए काउंसलर से मिलना भी जरूरी है
  • स्कूल काउंसलिंग सेशन को बढ़ावा दें.

एक मुस्कुराता चेहरा डिप्रेशन से मुक्त हो, यह जरूरी नहीं. हमें टीनएजर्स की भावनाओं को समझना, समय पर पहचानना और सही मदद देना सीखना होगा. समय रहते ध्यान देने से ना सिर्फ उनकी मेंटल हेल्थ सुधर सकती है, बल्कि उनका आत्मविश्वास भी फिर से लौट सकता है.

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