रिलेशनशिप स्ट्रेस: रिश्तों में तनाव और उसका मानसिक स्वास्थ्य पर असर
आज की तेज़ रफ़्तार ज़िंदगी में रिलेशनशिप स्ट्रेस (Relationship Stress) एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है . पति–पत्नी, पार्टनर या यहां तक कि करीबी दोस्तों और परिवार के बीच संबंधों में तनाव मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों पर गहरा असर डालता है . Expert Advice: ससुराल और मायके के बीच कैसे बनाएं संतुलन?
रिलेशनशिप स्ट्रेस के कारण
- कम्युनिकेशन गैप – पार्टनर से खुलकर बातचीत न होना .
- समय की कमी – काम का दबाव और कपल टाइम न मिल पाना .
- फाइनेंशियल तनाव – पैसों को लेकर असहमति .
- अपेक्षाओं का टकराव – एक-दूसरे से अधिक उम्मीदें रखना .
- बाहरी दबाव – परिवार, नौकरी या सोशल मीडिया का हस्तक्षेप .
Doctor Advice: कैसे बचें मोटापा, ब्लड प्रेशर और शुगर से
विशेषज्ञों की राय
डॉ. (प्रो.) संजीव मेहता, वरिष्ठ मनोचिकित्सक (दिल्ली):
“रिलेशनशिप स्ट्रेस लंबे समय तक बना रहे तो यह डिप्रेशन, एंग्ज़ाइटी और साइकोसोमैटिक समस्याओं का कारण बन सकता है . कई बार रोगी सिरदर्द, नींद की कमी या पेट दर्द की शिकायत करता है, जबकि असल वजह रिश्तों का दबाव होता है .”
डॉ. नीलिमा खन्ना, क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट:
“हर रिश्ते में तनाव स्वाभाविक है, लेकिन समस्या तब बढ़ती है जब कपल या परिवार के सदस्य उसे छुपाने लगते हैं . ओपन बातचीत और कपल थेरेपी से हालात बेहतर किए जा सकते हैं . सबसे ज़रूरी है कि दोनों पक्ष एक-दूसरे को ‘सुनें’ और ‘समझें’, न कि केवल बहस करें .”
मानसिक और शारीरिक असर
मानसिक: डिप्रेशन, गुस्सा, आत्मविश्वास की कमी .
शारीरिक: ब्लड प्रेशर बढ़ना, नींद न आना, इम्यूनिटी कम होना .
रिश्तों पर असर: दूरी, बार-बार झगड़े, अलगाव या तलाक का खतरा .
✅ समाधान और बचाव
- ओपन कम्युनिकेशन – पार्टनर से रोज़ 15–20 मिनट खुलकर बातचीत करें .
- स्ट्रेस मैनेजमेंट – योग, मेडिटेशन और एक्सरसाइज़ से तनाव कम होता है .
- क्वालिटी टाइम – साथ में घूमना, मूवी देखना या किसी हॉबी में शामिल होना .
- प्रोफेशनल हेल्प – कपल थेरेपी या काउंसलिंग से नए दृष्टिकोण और समाधान मिलते हैं .
- सीमाएं तय करना – काम और निजी जीवन के बीच संतुलन रखना .

रिश्तों में तनाव पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा सकता, लेकिन सही संवाद, समझ और पेशेवर मदद से इसे संभाला जा सकता है . अगर शुरुआती स्तर पर ध्यान दिया जाए तो रिलेशनशिप स्ट्रेस न केवल रिश्तों को बचाता है बल्कि उन्हें और मजबूत बनाने का मौका भी देता है .

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