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खुद की तुलना बंद करें, Life में आएगा कमाल का बदलाव!

आज की तेज रफ्तार जिंदगी में हम सभी किसी न किसी से अपनी तुलना जरूर करते हैं, कोई दोस्त हमसे ज्यादा सफल है. किसी का लाइफस्टाइल बेहतर है या किसी की पर्सनैलिटी ज्यादा आकर्षक लगती है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह तुलना आपको कहाँ ले जा रही है. वास्तव में, दूसरों से अपनी तुलना करना धीरे-धीरे आपकी आत्मविश्वास, खुशी और मानसिक शांति को कमजोर कर देता है.

आप अपने जीवन के सफर को छोड़कर किसी और की रेस में दौड़ने लगते हैं और यही सबसे बड़ी गलती है. मनोविज्ञान के अनुसार, लगातार तुलना करने से “comparison trap” बनता है, जिसमें व्यक्ति अपनी असल पहचान खो देता है, इस आदत को बदलने के लिए कुछ सरल लेकिन प्रभावशाली कदम अपनाए जा सकते हैं.

ये आएगा कमाल का बदलाव

अपने सफर को पहचानें
हर व्यक्ति का जीवन अलग होता है, जो रास्ता किसी और के लिए सही है, वो आपके लिए जरूरी नहीं, अपनी प्रगति को पिछले कल से तुलना करें, न कि किसी और से.

सोशल मीडिया से थोड़ा दूर रहें
इंस्टाग्राम या फेसबुक पर जो दिखता है, वह हमेशा सच नहीं होता, वहां सिर्फ “हाइलाइट्स” दिखते हैं, पूरी कहानी नहीं खुद को इन झूठी तुलनाओं से मुक्त करें.

खुद की तारीफ करना सीखें
हर दिन अपनी एक अच्छी बात नोट करें, यह आत्म-सम्मान बढ़ाने का सबसे आसान तरीका है.

आत्म-स्वीकृति को अपनाएं
जब आप खुद को जैसे हैं वैसे स्वीकार कर लेते हैं, तब दूसरों से तुलना की कोई जरूरत नहीं रहती, यही सच्ची मानसिक शांति का रास्ता है.

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