सौंदर्य के नाम पर महिलाएं कई बार ऐसे उत्पाद इस्तेमाल कर बैठती हैं, जिनका दुष्प्रभाव उनकी त्वचा ही नहीं, बल्कि पूरे स्वास्थ्य पर पड़ सकता है. ऐसा ही एक ख़तरनाक घटक है — मरकरी (पारा), जो कुछ ब्यूटी प्रोडक्ट्स में अब भी पाया जाता है, खासकर फेयरनेस क्रीम, आईलाइनर, लिपस्टिक और फाउंडेशन में.
मरकरी यानी पारा एक भारी धातु है, जो प्राकृतिक रूप से तो पाई जाती है लेकिन इंसानी शरीर के लिए ज़हरीली होती है. इसका इस्तेमाल कुछ कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स में किया जाता है ताकि त्वचा को गोरा और चमकदार दिखाया जा सके.
लंबे समय तक मरकरी युक्त मेकअप के इस्तेमाल से त्वचा पर चकत्ते, जलन और खुजली किडनी और लिवर डैमेज हार्मोनल असंतुलन प्रजनन संबंधी समस्याएं गर्भवती महिलाओं में भ्रूण को खतरा आदि समस्याएँ हो सकती हैं .
अधिकतम मरकरी फेयरनेस क्रीम्स स्किन व्हाइटनिंग सीरम कुछ आयातित मेकअप प्रोडक्ट्स नकली और बिना लाइसेंस के ब्यूटी ब्रांड्स में पाया जाता है. लेकिन अब भारत सरकार इसपर बड़ा कदम उठाने जा रही है, सरकार उन सभी ब्यूटी प्रोडक्टस पर बैन लगाने की तैयारी में हैं जिनमे मरकरी की मात्रा तय सीमा से ज्यादा है अभी तक कुछ मात्रा में मरकरी की इजाजत थी जैसे आई मेकअप में 70 PPM और बाकी के प्रोडक्ट्स में 1PPM लेकिन अब ये पूरी तरह से बंद किया जा सकता है
DCGI कमेटी ने ये सिफारिश की है ताकि बाजार में बिकने वाले ख़तरनाक प्रोडक्ट्स को हटाया जा सके ये कदम minamata convention जैसे अंतराष्ट्रीय नियमो के अनुसार भी है.
अगली बार ज़ब भी कोई ब्यूटी प्रोडक्ट खरीदे तो उसमे जरूर जाँच लें की उसमे मरकरी है या नहीं . जिसमें “Mercury,” “Mercurous chloride,” या “Calomel” जैसे शब्द हों तो उसे न खरीदे.
ऑनलाइन सस्ते प्रोडक्ट्स से बचें, खासकर जिनकी इंग्रेडिएंट लिस्ट स्पष्ट न हो.
त्वचा रोग विशेषज्ञों का कहना है कि “गोरी त्वचा”की चाह में महिलाएं ऐसे केमिकल्स का शिकार हो रही हैं, जो उन्हें गंभीर बीमारियों की ओर धकेल सकते हैं.
Leave a Reply