देव दिवाली, जिसे “देवताओं की दीपावली” कहा जाता है, इस साल 2025 में भव्य उल्लास और आध्यात्मिक श्रद्धा के साथ मनाई जा रही हैं. यह पर्व कार्तिक पूर्णिमा के दिन आता है और माना जाता है कि इसी दिन देवता स्वयं स्वर्ग से उतरकर गंगा घाटों पर दीप प्रज्वलित करते हैं. वाराणसी, अयोध्या, प्रयागराज और हरिद्वार जैसे तीर्थ स्थलों पर इस दिन का दृश्य स्वर्ग से कम नहीं होता.
देव दीपावली की शाम को गंगा तट पर हजारों दीपों की लौ जब एक साथ झिलमिलाती है, तो ऐसा लगता है मानो धरती पर देवलोक उतर आया हो, लोग इस दिन अपने घरों और मंदिरों में दीप जलाकर भगवान शिव, विष्णु और गंगा माता की पूजा करते हैं. माना जाता है कि इस दिन दिया जलाने और मंत्रों का जप करने से जीवन से अंधकार दूर होता है और सौभाग्य, धन और सुख की वृद्धि होती है.
देव दीपावली पर भेजें ये शुभकामनाएं अपने अपनों को
“देव दीपावली की पावन बेला में आपका जीवन दीपों से जगमगाए, हर दिन सुख-शांति और समृद्धि लाए।”
“गंगा तट की रौशनी जैसा उजाला आपके जीवन में हमेशा बना रहे — शुभ देव दीपावली!”
“इस देव दीपावली पर भगवान शिव करें आपकी हर मनोकामना पूर्ण, जीवन में आए नई ऊर्जा और उत्साह।”
“दीपों की रौशनी और भक्ति की धारा आपके घर को खुशियों से भर दे — Happy Dev Deepawali!”
“देव दीपावली का प्रकाश आपके हृदय को प्रेम, भक्ति और शांति से भर दे — शुभकामनाएं!”
धार्मिक महत्व
पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु ने देवताओं को दैत्य त्रिपुरासुर से मुक्ति दिलाई थी, इसलिए इस दिन को “त्रिपुरारी पूर्णिमा” भी कहा जाता है. यही कारण है कि देवता स्वयं इस दिन दीप जलाकर भगवान विष्णु और शिव को नमन करते हैं.
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