अहोई अष्टमी का पावन पर्व इस साल 13 अक्टूबर को मनाया जाएगा. यह व्रत विशेष रूप से माताओं द्वारा अपने बच्चों की लंबी उम्र, सुख और समृद्धि के लिए रखा जाता है. इस दिन माताएं मां अहोई की विधिपूर्वक पूजा करती हैं और अपने परिवार के लिए आशीर्वाद मांगती हैं.
मां अहोई का पूजन विधि
अहोई अष्टमी के दिन सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें, घर में तुलसी या मां अहोई का चित्र स्थापित करें. पूजा में जल, दूध, चावल, गेहूं के दाने, रोली, दीपक और हल्का मीठा भोग अर्पित करें, पूजा के समय बच्चों का नाम लेकर मां अहोई का ध्यान करें और संतान की कुशलता की कामना करें.
शुभ संदेश भेजें
अहोई अष्टमी पर अपनों को भेजे जाने वाले संदेशों में संतान सुख, स्वास्थ्य और परिवार में खुशहाली की कामना होती है। कुछ लोकप्रिय संदेश इस प्रकार हैं:
“अहोई माता की कृपा से आपके घर में संतान सुख और सुख-शांति बनी रहे.”
“मां अहोई का आशीर्वाद हमेशा आपके और आपके परिवार के साथ रहे.”
“अहोई अष्टमी पर माता की पूजा से घर में खुशियाँ और समृद्धि बनी रहे.”
इन संदेशों को WhatsApp, Facebook या इंस्टाग्राम पर भेजकर अपने प्रियजनों को अहोई अष्टमी की शुभकामनाएं दें.
व्रत का महत्व
धार्मिक मान्यता है कि अहोई अष्टमी व्रत से माता अहोई अपने भक्तों को संतान सुख, स्वास्थ्य और धन संपन्नता का वरदान देती हैं. माता के आशीर्वाद से बच्चों की सुरक्षा होती है और घर में सुख-शांति का वातावरण बना रहता है.
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