सुबह की ताजी हवा, ओस से भीगी हरी घास और नंगे पैर चलने का एहसास, यह सिर्फ एक सुकून देने वाला अनुभव नहीं बल्कि सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान दोनों ही हरी घास पर नंगे पैर चलने को शरीर और मन के लिए बेहद फायदेमंद मानते हैं. आइए जानते हैं, इस प्राकृतिक थेरेपी के कुछ अद्भुत लाभ.
घास पर नंगे पैर चलने के ये हैं फायदे
तनाव और चिंता से राहत- हरी घास पर चलने से पैर के तलवों में मौजूद एक्यूप्रेशर पॉइंट्स सक्रिय होते हैं, जो सीधे दिमाग पर सकारात्मक असर डालते हैं, इससे तनाव, चिंता और अवसाद में राहत मिलती है और मन शांत होता है.
आंखों की रोशनी में सुधार- आयुर्वेद के अनुसार, हरी घास की ठंडक आंखों के लिए बेहद फायदेमंद होती है, रोजाना 10–15 मिनट नंगे पैर चलने से दृष्टि में सुधार आता है और आंखों की थकान कम होती है.
ब्लड सर्कुलेशन होता है बेहतर- नंगे पैर चलने से पैरों में रक्त प्रवाह बढ़ता है और शरीर का संचार तंत्र मजबूत होता है, इससे थकान और शरीर में सूजन जैसी समस्याएं भी कम होती हैं.
दिल रहेगा स्वस्थ
सुबह की ऑक्सीजन-युक्त हवा और हरी घास पर चलने का मेल दिल की सेहत के लिए बहुत अच्छा माना जाता है, यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है और हार्ट अटैक का खतरा कम करता है.
इम्यून सिस्टम को मिलती है मजबूती
धरती के सीधे संपर्क में आने से शरीर में नेगेटिव एनर्जी रिलीज होती है और पॉजिटिव एनर्जी बढ़ती है, इससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है.
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