Pimples skin problems: जैसे ही पहली बारिश की फुहारें ज़मीन को छूती हैं. लोगों को एक अलग ही ताजगी का एहसास होता है. लेकिन यह मौसम जहां एक ओर सुकून और ठंडक लाता है, वहीं दूसरी ओर यह त्वचा संबंधी समस्याओं का कारण भी बनता है. खासतौर पर पिंपल्स यानी मुंहासों की परेशानी इस मौसम में अधिक देखने को मिलती है. युवाओं से लेकर वयस्कों तक, मानसून के दौरान चेहरे पर दाने, लालिमा और जलन की शिकायत आम हो जाती है.
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त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. सुशील चंद्र के अनुसार मानसून में त्वचा बार-बार पसीने से भीगती है और पसीने के साथ-साथ धूल-मिट्टी भी चेहरे पर जम जाती है.बारिश में भीगने या सड़कों पर जमा गंदे पानी से संपर्क के कारण चेहरे पर बैक्टीरिया लग जाते है कई लोग मानसून में अधिक मॉइस्चराइजर या मेकअप लगाते हैं, लेकिन चेहरा साफ करने में लापरवाही करते हैं.बारिश के मौसम में लोग तली-भुनी चीजें ज्यादा खाते हैं. साथ ही, हॉर्मोनल बदलाव और नींद की कमी भी पिंपल्स बढ़ा सकती है.
विशेषज्ञ कहते हैं पिंपल्स से बचाव करना मुश्किल नहीं है, लेकिन इसके लिए नियमित स्किन केयर जरूरी है
1-चेहरे को दिन में 2-3 बार माइल्ड फेसवॉश से धोएं,
2-साफ तौलिये और गीले वाइप्स का ही इस्तेमाल करें.
3-ऑयल-फ्री मॉइस्चराइजर और सनस्क्रीन लगाएं.
4-भारी मेकअप से बचें, और मेकअप को हर रात साफ करना न भूलें.
5-नीम, एलोवेरा और चंदन जैसे घरेलू उपाय आजमाएं.
6-खूब पानी पिएं, जंक फूड से दूर रहें और फल-सब्जी खाए|
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डर्मेटोलॉजिस्ट सलाह देते हैं कि यदि पिंपल्स लगातार बने रहें, मवाद या दर्द हो, तो घरेलू उपायों से ज्यादा देरी न करें. ऐसे मामलों में स्किन स्पेशलिस्ट से तुरंत सलाह लें ताकि स्किन पर दाग या संक्रमण न हो

मानसून का मौसम अपने साथ खुशबू और सुकून जरूर लाता है, लेकिन त्वचा की देखभाल के बिना यह परेशानी भी बन सकता है. चेहरे पर पिंपल्स से बचने के लिए थोड़ी सी सावधानी और सही जीवनशैली अपनाकर आप अपनी त्वचा को स्वच्छ, सुंदर और स्वस्थ रख सकते हैं.
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