Health Tips टेक्नोलॉजी से बदल रही है हेल्थकेयर की दुनिया: टेलीमेडिसिन, फिटनेस ऐप्स और AI डायग्नोसिस पर डॉक्टर और एक्सपर्ट की राय
डॉक्टर की सलाह हो या डायग्नोसिस, आज सब कुछ स्मार्टफोन से संभव है . टेलीमेडिसिन, फिटनेस ऐप्स (Telemedicine), (Fitness Apps) और AI आधारित हेल्थ डायग्नोसिस ने मेडिकल सिस्टम को एक नई दिशा दी है . हमने बात की Apollo Hospitals के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. अंशुल मेहता और AI हेल्थ टेक एक्सपर्ट प्रो. आदित्य नारंग (IIT Delhi Affiliate) से . जानिए कैसे ये बदलाव आम जनता की जिंदगी आसान कर रहे हैं ?
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टेलीमेडिसिन (Telemedicine) : अब डॉक्टर आपके फोन पर
फायदे:
- गांव या दूरदराज के इलाके में भी विशेषज्ञों की सलाह
- इमरजेंसी में त्वरित कंसल्टेशन
- टाइम और ट्रैवल की बचत
- डिजिटल प्रिस्क्रिप्शन और ऑनलाइन टेस्ट सुविधा
डॉ. अंशुल मेहता (Apollo Hospitals): ,“कोविड के बाद टेलीमेडिसिन आम मरीजों के लिए लाइफलाइन बन गया है . अब रोज़मर्रा की हेल्थ कंसल्टेशन के लिए हर किसी को हॉस्पिटल आने की जरूरत नहीं .”
सीमाएं:
- गंभीर मामलों में फिजिकल जांच की ज़रूरत होती है
- तकनीकी जानकारी न होने पर बुजुर्गों को दिक्कत
फिटनेस और हेल्थ ऐप्स: आपकी जेब में हेल्थ कोच
कौन-कौन से ऐप लोकप्रिय:
- Google Fit, Apple Health, Fittr, MyFitnessPal, StepSetGo
- नींद ट्रैकर, हार्ट रेट मॉनिटर, कैलोरी मैनेजमेंट, वर्कआउट प्लान
फायदे:
- खुद को एक्टिव और ट्रैक पर रखने में मददगार
- डाइट, वज़न और एक्सरसाइज़ के लिए पर्सनल गाइड
- मेडिटेशन और स्ट्रेस मैनेजमेंट में उपयोगी
प्रो. आदित्य नारंग (AI टेक एक्सपर्ट), “आज के युवा डेटा ड्रिवन हेल्थ की ओर बढ़ रहे हैं . हेल्थ ऐप्स में AI एल्गोरिदम यूजर की आदतों के मुताबिक फिटनेस प्लान बना सकते हैं .”

सावधानी:
- सभी ऐप वैज्ञानिक या प्रमाणिक नहीं होते
- डेटा प्राइवेसी का मुद्दा अहम है
AI आधारित डायग्नोसिस: भविष्य की मेडिसिन
AI अब केवल रोबोट नहीं, डॉक्टर का सहायक भी बन गया है . आज कई बड़े अस्पतालों में AI का उपयोग निम्न कामों में हो रहा है:
AI क्या कर सकता है:
- एक्स-रे, एमआरआई, सीटी स्कैन की रिपोर्ट तेजी से पढ़ना
- कैंसर, डायबिटीज, हार्ट डिजीज की प्रारंभिक पहचान
- रोगी के लक्षणों के आधार पर संभावित बीमारी की जानकारी देना
- डिजिटल असिस्टेंट (जैसे IBM Watson Health) डॉक्टर के साथ इलाज की सटीकता बढ़ाता है
डॉ. मेहता कहते हैं, “AI डायग्नोसिस खासकर रेडियोलॉजी और कैंसर स्क्रीनिंग में क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है . यह डॉक्टर का विकल्प नहीं, बल्कि मददगार टूल है .”
क्या हैं चुनौतियाँ?
| विषय | जोखिम |
| | |
| डेटा सिक्योरिटी | हेल्थ डेटा का लीक होना |
| AI की गलत रिपोर्टिंग | कभी-कभी गलत एल्गोरिदम या अपूर्ण डेटा के कारण त्रुटियाँ |
| डिजिटल गैप | ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट और डिजिटल लिटरेसी की कमी |
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
प्रो. नारंग , “AI और ऐप्स की सफलता इस पर निर्भर करती है कि हम इसे कितनी जागरूकता और प्राइवेसी के साथ अपनाते हैं . भारत में डिजिटल हेल्थ मिशन इसका बड़ा उदाहरण है .”
डॉ. मेहता, “टेक्नोलॉजी एक सपोर्ट सिस्टम है, लेकिन डॉक्टर की भूमिका हमेशा प्रमुख रहेगी . मरीजों को टेक को समझने और सही तरीके से अपनाने की जरूरत है .”
टेलीमेडिसिन से लेकर AI डायग्नोसिस तक, भारत की हेल्थकेयर टेक्नोलॉजी नई ऊंचाई पर है . यह बदलाव सिर्फ शहरी नहीं, ग्रामीण भारत को भी सशक्त बना रहा है . मगर इसके साथ जिम्मेदारी भी जरूरी है – जागरूकता, डेटा सुरक्षा और सही यूज़ बेहद अहम है .
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