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Winter में बढ़ता है फैटी लिवर, ये 5 कारण जानकर हैरान रह जाएंगे

Winter fatty liver problem: सर्दियों का मौसम अपने साथ कई स्वास्थ्य चुनौतियाँ लेकर आता है, जिनमें से एक है फैटी लिवर का बढ़ना. डॉक्टरों के अनुसार ठंड के मौसम में हमारी लाइफस्टाइल, खान-पान और शारीरिक गतिविधियों में बदलाव के कारण लिवर पर अतिरिक्त बोझ बढ़ जाता है, इसका असर सीधा लिवर की फैट स्टोरेज क्षमता पर पड़ता है और फैटी लिवर की समस्या तेजी से बढ़ सकती है. आइए जानते हैं सर्दियों में ऐसी कौन-सी वजहें हैं जो इस समस्या को और बढ़ा देती हैं.

ये हैं 5 कारण

ठंड में कम शारीरिक गतिविधि
सर्दियों में लोग देर तक रजाई में रहते हैं और व्यायाम से दूरी बना लेते हैं, कम फिजिकल एक्टिविटी के कारण शरीर में कैलोरी बर्न नहीं होती और यह फैट के रूप में लिवर में जमा होने लगती है.

ज्यादा तला-भुना और मीठा खाना
सर्दियों में गरम-गरम पकवान, मीठी चीजें, गुड़, पिन्नी और हाई-कैलोरी फूड का सेवन बढ़ जाता है, ये चीजें शरीर में ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ाती हैं, जिससे फैटी लिवर बनने का खतरा बढ़ जाता है.

विटामिन D की कमी
सर्दियों में धूप कम मिलने और धूप में कम समय बिताने से विटामिन D की कमी बढ़ती है, इससे इंसुलिन रेसिस्टेंस हो सकती है, जो सीधे फैटी लिवर की समस्या को बढ़ावा देती है.

पानी कम पीना
ठंड में प्यास कम लगती है, और लोग पर्याप्त पानी नहीं पीते, इससे मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है और लिवर की डिटॉक्स क्षमता कमजोर पड़ती है, जिससे फैट जमा होना शुरू हो जाता है.

हार्मोनल और इम्यून सिस्टम में बदलाव
सर्दियों में शरीर अपना तापमान बनाए रखने के लिए मेटाबॉलिज्म बदलता है, इस दौरान हार्मोनल बदलाव के कारण फैट स्टोरेज बढ़ती है और लिवर की फैट प्रोसेसिंग क्षमता पर असर पड़ता है.

कैसे बचा जा सकता है फैटी लिवर से?
रोजाना 30 मिनट टहलना या हल्का व्यायाम करें, तला-भुना, मीठा और भारी खाना कम करें, दिन में 8–10 ग्लास पानी पीने की आदत रखें, सुबह की धूप 10–15 मिनट जरूर लें, मौसमी फल और फाइबर से भरपूर डाइट अपनाएं.

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