आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में कमर दर्द एक आम समस्या बन चुकी है. लंबे समय तक बैठकर काम करना, गलत पोस्चर, भारी वजन उठाना या फिर स्ट्रेस – ये सभी कारण हमारी रीढ़ की हड्डी और मांसपेशियों पर असर डालते हैं. लेकिन जब दर्द बढ़ जाता है तो सबसे पहले सवाल यही उठता है – सिकाई ठंडे पानी से करें या गर्म पानी से?
कब करें ठंडी सिकाई
अगर दर्द किसी चोट, मोच या सूजन के कारण है, तो ठंडी सिकाई सबसे बेहतर मानी जाती है. ठंडा पानी या आइस पैक मांसपेशियों की सूजन को कम करता है और दर्द में तुरंत राहत देता है. चोट लगने के पहले 24 से 48 घंटे तक ठंडी सिकाई करना फायदेमंद रहता है.
कब करें गर्म सिकाई
अगर दर्द पुराना या मांसपेशियों के खिंचाव की वजह से है, तो गर्म सिकाई सही विकल्प है. गर्म पानी की सिकाई से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है, मांसपेशियां रिलैक्स होती हैं और जकड़न दूर होती है. खासकर लंबे समय से बैठे रहने या ठंड के मौसम में होने वाले दर्द में यह बेहद असरदार है.
क्या करें और क्या न करें
एक बार में सिकाई 15 से 20 मिनट से ज्यादा न करें, सिकाई के बीच में त्वचा को आराम दें ताकि जलन या एलर्जी न हो, अगर दर्द लगातार बना हुआ है या बढ़ रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें.
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