दिवाली का त्योहार रौशनी, मिठाई और खुशियों का प्रतीक है, लेकिन इस अवसर पर पटाखों की तेज आवाज और धुएं से छोटे बच्चों की सेहत पर गंभीर असर पड़ सकता है. विशेषज्ञों के अनुसार, बच्चों के सुनने की क्षमता और मानसिक स्वास्थ्य पर भी इसका प्रभाव पड़ सकता है.
पटाखों की आवाज से बच्चों को क्या नुकसान हो सकता है?
सुनने की समस्या- तेज आवाज से बच्चे की कान की संवेदनशीलता प्रभावित हो सकती है, कभी-कभी अस्थायी या स्थायी सुनने की कमी भी हो सकती है.
डर और चिंता- अचानक तेज धमाके से बच्चे डर जाते हैं, यह रात में नींद की कमी, चिड़चिड़ापन और घबराहट पैदा कर सकता है.
तनाव और घबराहट- लगातार तेज आवाज से हृदय की धड़कन तेज हो सकती है, बच्चों में तनाव और बेचैनी बढ़ सकती है.
धुआं और सांस की परेशानी- पटाखों का धुआं श्वसन तंत्र पर असर डाल सकता है, अस्थमा या एलर्जी वाले बच्चों में यह गंभीर समस्या पैदा कर सकता है.
किन लक्षणों से पहचानें कि बच्चा प्रभावित हो रहा है
लगातार रोना या चिल्लाना, नींद में खलल या नींद न आना, कान पकड़ना या कान में दर्द की शिकायत, सांस लेने में दिक्कत या खांसी, चिड़चिड़ापन और भयभीत व्यवहार,.
बचाव और सुरक्षा के उपाय
बच्चों को घर के अंदर रखें जब पटाखे फोड़े जा रहे हों, ईयर मफ या कान की सुरक्षा का इस्तेमाल करें, धुआं कम करने वाले पटाखे चुनें, पटाखे खुली जगह और सुरक्षित दूरी पर जलाएं, बच्चे को पटाखों की आवाज की आदत धीरे-धीरे डालें, न कि अचानक.
अन्य टिप्स
बच्चों को पटाखों के बारे में समझाएं और उन्हें सुरक्षित खेलने का तरीका सिखाएं, अगर बच्चा किसी तरह की सुनने या स्वास्थ्य समस्या दिखाता है, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
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