खांसी बच्चों में आम समस्या है, लेकिन इसे ठीक करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला कफ सिरप हर उम्र के लिए सुरक्षित नहीं होता. विशेषकर पांच साल से छोटे बच्चों के लिए सावधानी बेहद जरूरी है. यहां जानिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए
सिरप देने से पहले कौन से बातें जरूर जानें
उम्र का ध्यान रखें
छोटे बच्चों, खासकर पांच साल से कम उम्र के बच्चों में कफ सिरप देने से पहले हमेशा डॉक्टर से परामर्श लें, उनकी शरीर की प्रतिक्रिया व दवा का असर अलग हो सकता है.
दवा की सामग्री चेक करें
कफ सिरप में अक्सर डेक्स्ट्रोमेथॉरफन, ग्वाइफेनेसिन जैसी दवाइयाँ होती हैं, ये छोटे बच्चों में साइड इफेक्ट जैसे नींद, उल्टी या गंभीर स्थिति भी पैदा कर सकती हैं.
सटीक डोजिंग
यदि डॉक्टर कफ सिरप की सलाह दें, तो निर्धारित मात्रा से अधिक न दें, ओवरडोज से बच्चे की सेहत पर गंभीर असर पड़ सकता है.
एलर्जी का ध्यान रखें
कई कफ सिरप में फ्लेवर और कंजरवेटिव होते हैं, यह एलर्जी या दाने जैसी समस्या पैदा कर सकते हैं.
घरेलू विकल्प अपनाएं
यदि खांसी हल्की है, तो पहले गुनगुना पानी, शहद (एक साल से बड़े बच्चों में), भाप लेना जैसी घरेलू विधियां आजमाएम.
कब तुरंत डॉक्टर को दिखाएं
खासी के साथ सांस लेने में दिक्कत, तेज बुखार, लंबे समय तक खांसी जारी रहना.
सावधानी और जागरूकता
कफ सिरप का इस्तेमाल सिर्फ जरूरत पड़ने पर और डॉक्टर की सलाह से ही करें, छोटे बच्चों की खांसी अक्सर स्वयं ठीक हो जाती है, और अनावश्यक दवा नुकसान पहुंचा सकती है.
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