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धनतेरस पर साबुत धनिया लाने की परंपरा, जानिए धार्मिक और वास्तु कारण

धनतेरस पर साबुत धनिया लाने की परंपरा,

कार्तिक मास की त्रयोदशी को मनाई जाने वाली धनतेरस केवल धन, समृद्धि और लक्ष्मी पूजन का पर्व ही नहीं है, बल्कि इसमें कई छोटे-छोटे शुभ उपाय और परंपराएं जुड़ी हुई हैं. इनमें से एक विशेष परंपरा है साबुत धनिया लाना। आइए जानते हैं इसका धार्मिक महत्व और वास्तु कारण.

धार्मिक महत्व
धनतेरस पर साबुत धनिया लाने का मुख्य कारण यह माना जाता है कि यह मां लक्ष्मी को प्रसन्न करता है, धनिया को धन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है, पूजा के दौरान धनिया का उपयोग आर्थिक स्थिरता और घर में खुशहाली बढ़ाने के लिए किया जाता है. धार्मिक मान्यता है कि साबुत धनिया रखने और पूजा में उपयोग करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.

वास्तु शास्त्र के अनुसार
वास्तु शास्त्र के अनुसार भी साबुत धनिया सकारात्मक ऊर्जा लाता है, इसे धन स्थान या पूजा स्थान पर रखना शुभ माना जाता है. घर में धन की वर्षा के लिए यह एक सरल और प्रभावी उपाय माना जाता है, साबुत धनिया रखने से व्यापार और नौकरी में उन्नति और संपत्ति की वृद्धि होती है.

धनतेरस पर साबुत धनिया लाने और रखने के तरीके
साफ पेस्टिक या कपड़े में रखकर धन स्थान पर रखें, इसे पूजा के समय जल, कपूर और हल्दी के साथ रखें, साबुत धनिया को नए व्रत पात्र या थाली में रखकर लक्ष्मी जी के सामने रखें, इसे पूजा के बाद घर के मुख्य द्वार या धन स्थान पर रखें ताकि समृद्धि बनी रहे.

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