Advertisement

धनतेरस पर गृह प्रवेश: क्या है वास्तु शास्त्र की सलाह?

धनतेरस जो कि दीपावली का शुभारंभ माना जाता है, घर में सुख, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा लाने का अवसर है. इस दिन गृह प्रवेश करने को लेकर लोगों में अक्सर सवाल उठते हैं कि क्या यह शुभ है या अशुभ. वास्तु शास्त्र के अनुसार, धनतेरस पर कुछ विशेष नियमों का पालन करके घर में प्रवेश करना अत्यंत लाभकारी हो सकता है.

धनतेरस पर गृह प्रवेश का महत्व
धनतेरस को धन की देवी लक्ष्मी और कुबेर की पूजा का दिन माना जाता है, इस दिन घर में प्रवेश करना विशेष रूप से सकारात्मक ऊर्जा, समृद्धि और खुशहाली लाने के लिए शुभ माना जाता है. वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार, सही समय और दिशा का पालन करने से घर में सुख-समृद्धि और संपन्नता बढ़ती है.

वास्तु नियम और सुझाव
समय का चयन: धनतेरस पर गृह प्रवेश के लिए सुबह का समय सबसे शुभ माना जाता है, सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक का समय विशेष रूप से लाभकारी है.

मुख्य द्वार की दिशा: घर में प्रवेश करते समय मुख्य द्वार का दिशा-संकेत बहुत महत्वपूर्ण है, उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) या पूर्व दिशा से प्रवेश करने पर सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है.

पूजा और दीप प्रज्वलन: घर में प्रवेश से पहले लक्ष्मी जी और कुबेर जी की पूजा करें, मुख्य द्वार पर दीपक और हल्दी का तिलक लगाने से घर में खुशहाली आती है.

सकारात्मक वातावरण बनाएं: घर के अंदर गंदगी और अव्यवस्था न रखें, साफ-सुथरा और सुव्यवस्थित घर सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है.

धन और संपत्ति की प्रतीक वस्तुएं: घर में प्रवेश के समय सिक्के, सोने-चांदी के बर्तन या अन्य धन संबंधी प्रतीक रखें, यह घर में धन और समृद्धि को आकर्षित करता है.

वास्तु विशेषज्ञ की राय
वास्तु विशेषज्ञों का कहना है कि धनतेरस पर सही दिशा, समय और पूजा के साथ गृह प्रवेश करना अत्यंत शुभ है, इससे घर में खुशियां, संपन्नता और समृद्धि बनी रहती है. हालांकि, अगर गलत समय या दिशा में प्रवेश किया जाए तो शांतिपूर्ण वातावरण प्रभावित हो सकता है.

यह भी पढ़े- घर में भूलकर भी न लगाएं ये पौधे, ये बढ़ा सकते हैं मानसिक तनाव