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मां अहोई को प्रसन्न करने का चमत्कारी तरीका, जानिए आज ही!

अहोई अष्टमी 2025 सोमवार 13 अक्टूबर को मनाई जा रही है, यह व्रत विशेष रूप से माताओं द्वारा अपने बच्चों की लंबी उम्र, सुख और समृद्धि के लिए रखा जाता है. मान्यता है कि मां अहोई को सच्चे मन से पूजने और सही विधि से व्रत करने पर संतान का भाग्य उदय होता है और जीवन में हर तरह की बाधाएं दूर होती हैं.

मां अहोई को प्रसन्न करने की पूजा विधि
सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और मां अहोई का चित्र दीवार या पूजा स्थान पर बनाएं या टांगें, उसके सामने जल, दूध, चावल, गेहूं के दाने, रोली, सिंदूर और दीपक रखें. संतान का नाम लेकर “मां अहोई माता” का ध्यान करें और संतान की कुशलता की कामना करें. शाम को तारों के दर्शन के बाद कथा सुनी जाती है और अहोई माता को मीठा भोग अर्पित किया जाता है. व्रत खोलने से पहले संतान का आशीर्वाद लेना शुभ माना जाता है.

चमत्कारी तरीका — जिससे प्रसन्न होती हैं मां अहोई
अहोई माता के सामने चांदी की अहोई या सोतें (बिल्ली का चित्र) बनाकर पूजा करने से व्रत का फल कई गुना बढ़ जाता है.
सात बार “अहोई माता की जय” बोलकर संतानों का नाम लेते हुए दीपक जलाएं.
मान्यता है कि इस दिन किसी को भी अपशब्द न कहें, और न ही झूठ बोलें — इससे मां अहोई नाराज़ होती हैं.
गरीबों और जरूरतमंदों को मीठा भोजन या कपड़े दान करने से मां अहोई अत्यंत प्रसन्न होती हैं और घर में सुख-शांति बनी रहती है.

व्रत का फल
जो महिलाएं पूरे मन से अहोई माता की पूजा करती हैं, उनके जीवन में संतान-सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य का आशीर्वाद मिलता है. ऐसा माना जाता है कि मां अहोई की कृपा से संतान का जीवन संकटों से मुक्त रहता है और परिवार में हमेशा खुशियों की गूंज बनी रहती है.

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