क्रिकेट एक ऐसा खेल है जहां हर गेंद मायने रखती है. ओवर में फेंकी गई एक एक्स्ट्रा गेंद या एक कम गेंद कई बार मैच का रुख ही बदल देती है. हाल ही में खेले गए इंडिया बनाम इंग्लैंड टेस्ट मैच में कुछ ऐसा ही नज़ारा देखने को मिला, जब इंग्लिश कप्तान बेन स्टोक्स ने एक ओवर में सात गेंदें फेंक दीं और किसी को पता ही नहीं चला.
हालांकि इस गलती से मैच पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ा, लेकिन इतिहास में एक ऐसा वाकया दर्ज है, जहां सिर्फ एक गेंद कम फेंके जाने से नतीजा बदल गया — और वो मैच टाई हो गया, जो इंडिया जीत सकती थी. आइए आपको बताते हैं ये दोनों किस्से, जो दिखाते हैं कि क्रिकेट में एक गेंद भी कितनी अहम हो सकती है.
ENG vs IND Test 2025: जब Ben Stokes ने एक ओवर में डाली 7 गेंदें:
20 जून 2025, लीड्स में खेले जा रहे पहले टेस्ट के पहले दिन, बेन स्टोक्स ने 51वें ओवर में 7 गेंदें फेंकीं. ये ओवर टी ब्रेक से ठीक पहले का था, और शायद इसी वजह से नज़रअंदाज़ हो गया.
इस ओवर की पांचवीं गेंद पर भारत को 5 पेनल्टी रन भी मिले, जब विकेट-कीपर के पीछे रखे हेलमेट में बॉल जा कर टकराई . फिर छठी और सातवीं गेंद हुई — जिसमें सातवीं गेंद पर बॉल यशस्वी जायसवाल के बल्ले से एज लग कर स्लिप में लगे फील्डर्स के आगे गिर गई. हालांकि इस गलती का मैच पर कोई खास असर नहीं पड़ा, लेकिन ये एक और उदाहरण बन गया कि अंपायरिंग की छोटी सी चूक भी फैंस की नज़र में आ जाती है.
2012: जब एक गेंद कम फेंकी गई, और मैच टाई हो गया:
14 फरवरी 2012, जब ओवल में खेला गया एक हाई वोल्टेज मुकाबला — भारत बनाम श्रीलंका. ये मुकाबला Commonwealth Bank Tri-Series का हिस्सा था. रोमांचक मोड़ पर पहुंचा ये मैच आखिरी गेंद पर टाई हुआ. लेकिन बाद में सामने आया कि इस मैच में एक गेंद कम फेंकी गई थी.
ये चूक हुई थी 30वें ओवर में, जब लसिथ मलिंगा गेंदबाज़ी कर रहे थे. उन्होंने केवल 5 गेंदें फेंकीं, लेकिन अंपायरों (Simon Douglas और Nigel Llong) ने इसे नोटिस नहीं किया.
मैच की आखिरी गेंद पर भारत को 4 रन चाहिए थे. धोनी ने बड़ा शॉट मारा लेकिन केवल 3 रन ही मिल पाए, और मैच टाई हो गया. अगर वो एक गेंद और होती, तो शायद भारत वो मैच जीत जाता.

अंपायरिंग की छोटी गलती, लेकिन बड़ा सबक:
क्रिकेट में आज तकनीक ने काफी तरक्की की है — DRS, स्निकोमीटर, बॉल ट्रैकिंग — लेकिन ओवर गिनने जैसी बुनियादी चीज़ों में ऐसी चूक होना हैरानी का विषय है.
इन दोनों घटनाओं से एक बात साफ है — हर गेंद मायने रखती है. चाहे वो एक एक्स्ट्रा गेंद हो या एक कम गेंद, ये खेल के नतीजे पर असर डाल सकती है. इसीलिए फैंस भी अब अंपायरों की हर हरकत पर नज़र रखते हैं, और क्रिकेट बोर्ड्स को भी चाहिए कि ऐसी गलतियों से बचने के लिए और सख्ती बरती जाए. क्योंकि आखिर में, क्रिकेट सिर्फ 22 गज का खेल नहीं है, यह हर गेंद, हर रन और हर फैसले का खेल है.
आपको यह लेख कैसा लगा? क्या आपको भी वो 2012 वाला मैच याद है? अपनी राय कमेंट में जरूर बताएं और ऐसे और दिलचस्प क्रिकेट आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहिए.
Leave a Reply