भारत अब अपनी technical prowess को नए स्तर पर ले जाने की तैयारी में है. भारत सरकार ने ‘Indian Semiconductor Mission’ (ISM) की शुरुआत की है, जिसका मकसद देश को Semiconductor Chips के मामले में आत्मनिर्भर बनाना है. इस मिशन के तहत भारत में semiconductor chips का production, design और testing शुरू होने जा रहा है, जो देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी.
ISM क्यों है इतना ज़रूरी और अच्छा?
भारत पहले से ही semiconductor chips के लिए दूसरे देशों पर निर्भर था. हमारे मोबाइल, कंप्यूटर, कार, electrical equipments, टेलीकॉम और रेलवे सिस्टम्स में इस्तेमाल होने वाली चिप्स ज्यादातर China, America, Japan, और Taiwan से import की जाती थीं.
ISM की वजह से अब भारत खुद अपनी चिप्स बना सकेगा. इससे देश की आत्मनिर्भरता बढ़ेगी, रोज़गार के नए मौके बनेंगे और भारत की economy को भी फायदा होगा. साथ ही, यह मिशन देश की सुरक्षा के लिए भी ज़रूरी है, क्योंकि Semiconductor chips सिर्फ gadgets में ही नहीं, बल्कि defence और communication में भी इस्तेमाल होती हैं.
इसके अलावा, ISM से भारत में skill development भी बढ़ेगा. हज़ारों युवाओं को semiconductor design, manufacturing और testing में ट्रेनिंग मिलेगी, जिससे भविष्य में भारत दुनिया के सेमीकंडक्टर मैप पर अपनी पहचान बना सकेगा.
क्या-क्या बड़ी घोषणाएं और लॉन्च होने वाले हैं?
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में बताया है कि भारत का पहला स्वदेशी Semiconductor chip 2025 के अंत तक market में आ जाएगा.
इस चिप को 28 से 90 nanometer की टेक्नोलॉजी पर बनाया जाएगा, जो कार, टेलीकॉम, बिजली और रेलवे जैसे क्षेत्रों में खूब इस्तेमाल होती है.
उन्होंने ने यह भी कहा कि भारत में अभी 6 सेमीकंडक्टर प्लांट्स बन रहे हैं, जिनमें से एक प्लांट इसी साल चालू हो जाएगा.
इन प्लांट्स में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स, HCL, foxconn जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं. उत्तर प्रदेश के जेवर में HCL और foxconn की joint venture भी शुरू हो रही है, जहां डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स बनेंगी. असम में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स का बड़ा प्लांट बन रहा है, जहां सेमीकंडक्टर चिप्स का production शुरू होगा.
अश्विनी वैष्णव ने यह भी कहा कि ISM सिर्फ मैन्युफैक्चरिंग तक सीमित नहीं है. भारत चिप्स का डिज़ाइन, टेस्टिंग, और अपनी खुद की intellectual property भी बना रहा है, ताकि भविष्य में भारत दुनिया की टेक्नोलॉजी वैल्यू चेन में आगे बढ़ सके.
क्यों है यह सब इतना खास?
ISM की वजह से भारत में न सिर्फ semiconductor chips बनेंगी, बल्कि देश को आत्मनिर्भर बनने में भी मदद मिलेगी. इससे रोज़गार बढ़ेगा, युवाओं को नए मौके मिलेंगे और भारत की अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा.
साथ ही, दुनिया भर में भारत की तकनीकी ताकत का लोहा माना जाएगा.
अश्विनी वैष्णव ने यह भी कहा कि भारत केवल सेवाओं तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि मैन्युफैक्चरिंग में भी आगे बढ़ेगा.
यह मिशन भारत के भविष्य के लिए एक बड़ा कदम है, जो देश को तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर और मज़बूत बनाएगा.
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