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Expert Advice: Technology बन रही है Teenagers की पढ़ाई का हथियार

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Safety & Security टेक्नोलॉजी जो बन रही है टीनएजर्स की पढ़ाई का हथियार: सिर्फ मोबाइल नहीं, अब ‘स्मार्ट लर्निंग टूल्स’ से बन रही है नॉलेज की दुनिया

Technology: मोबाइल और लैपटॉप को अब सिर्फ टाइमपास या गेमिंग डिवाइस नहीं कहा जा सकता . आज की टीनएज जनरेशन उन्हें पढ़ाई और स्किल डेवलपमेंट के लिए पावरफुल हथियार बना रही है . Duolingo से लैंग्वेज सीख रहे हैं, Notion से स्टडी प्लानिंग कर रहे हैं, Canva से प्रेजेंटेशन डिजाइन कर रहे हैं और Grammarly से इंग्लिश सुधार रहे हैं . ये स्मार्ट ऐप्स न सिर्फ उन्हें आत्मनिर्भर बना रहे हैं बल्कि उनकी पढ़ाई को भी कहीं ज्यादा इंटरैक्टिव बना रहे हैं .

कौन से ऐप्स बन रहे हैं मददगार?

Duolingo – फ्री में लैंग्वेज सीखें मज़े से

  • इंटरफेस गेम जैसा है, जिससे बच्चे बोर नहीं होते .
  • फ्रेंच, स्पेनिश, जर्मन जैसी भाषाएं मज़ेदार क्विज़ के जरिए सिखाता है .
  • स्कूल के कोर्स के साथ एक्स्ट्रा स्किल भी मिलती है .

Notion – पढ़ाई की पूरी प्लानिंग एक जगह

  • टू-डू लिस्ट, रिवीजन शेड्यूल और प्रोजेक्ट्स को ऑर्गनाइज करने के लिए बेस्ट टूल .
  • टीनएजर्स अपने नोट्स और टास्क खुद मैनेज करना सीखते हैं .

Canva – अब प्रेजेंटेशन और प्रोजेक्ट्स होंगे स्मार्ट

  • पोस्टर, ग्राफिक्स और स्लाइड्स आसानी से डिजाइन करने का मौका .
  • स्कूल असाइनमेंट को विज़ुअली अट्रैक्टिव बनाने में मदद .

Grammarly – सही इंग्लिश, सही इंप्रेशन

  • ईमेल, स्कूल असाइनमेंट या ब्लॉग लिखते समय ग्रामर और टोन चेक करता है .
  • इससे कम्युनिकेशन स्किल बेहतर होते हैं .

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एक्सपर्ट की राय:

डॉ. श्वेता कपूर , एजुकेशनल साइकोलॉजिस्ट, दिल्ली , “टीनएज स्टूडेंट्स में टेक्नोलॉजी का उपयोग तेजी से बढ़ा है . लेकिन जब उसका सही इस्तेमाल किया जाए, तो ये बच्चों के कंफिडेंस और टाइम मैनेजमेंट को भी बेहतर करता है . खासकर Duolingo और Notion जैसे ऐप्स उन्हें खुद की प्रगति ट्रैक करना सिखाते हैं .”

राकेश मेहता , सीनियर मैथ्स टीचर, मुंबई, “Canva और Grammarly जैसे टूल्स बच्चों को ज्यादा पेशेवर ढंग से काम करना सिखाते हैं . पहले जहां छात्र हैंडराइटिंग और चार्ट पर फोकस करते थे, अब वे कंटेंट क्वालिटी और प्रेजेंटेशन की अहमियत समझने लगे हैं .”

क्यों जरूरी है ये बदलाव?

  • आज के बच्चे डिजिटल नेटिव हैं, उन्हें टेक्नोलॉजी से ही प्रेरणा मिलती है .
  • ऐप्स उन्हें सेल्फ-लर्निंग , क्रिएटिव थिंकिंग और टाइम मैनेजमेंट सिखा रहे हैं .
  • ये टूल्स उनके लिए लाइफ स्किल्स भी तैयार कर रहे हैं, जो भविष्य में भी काम आएंगे .

सावधानी भी जरूरी:

  • स्क्रीन टाइम की सीमा तय हो .
  • सिर्फ टेक्नोलॉजी पर निर्भर न रहें, टीचर्स और पेरेंट्स की गाइडेंस जरूरी है .
  • सोशल मीडिया और गेमिंग के जाल में न फंसे – पढ़ाई के टूल्स का समझदारी से चयन करें .

पढ़ाई का तरीका बदल रहा है और टीनएजर्स इसे अच्छे से अपना भी रहे हैं . सही ऐप्स और सही गाइडेंस के साथ ये टेक्नोलॉजी उनका बेस्ट टीचर बन सकती है .

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