नेपाल में जारी हिंसक आंदोलन का असर अब भारत-नेपाल सीमा पर भी दिखाई देने लगा है। हालात को देखते हुए प्रशासन ने सोनौली बॉर्डर को पूरी तरह सील कर दिया है। सीमा पर सिर्फ उन्हीं लोगों को आने-जाने की अनुमति दी जा रही है, जिनके पास वैध पहचान पत्र मौजूद है।
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फंसे भारतीयों को निकाला जा रहा है
नेपाल के अलग-अलग जिलों में फंसे भारतीय पर्यटकों को सुरक्षित सोनौली बॉर्डर तक लाया जा रहा है। वहां से उन्हें भारतीय सीमा में प्रवेश कराया जा रहा है। इसके लिए स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां लगातार काम कर रही हैं।
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24 घंटे निगरानी
सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया गया है। एसएसबी और स्थानीय पुलिस की टीमें लगातार गश्त कर रही हैं। बॉर्डर एरिया में लगे सीसीटीवी कैमरों से हर गतिविधि पर 24 घंटे नजर रखी जा रही है।
पहचान पत्र जरूरी
सीमा पर आने वाले हर व्यक्ति की सख्ती से जांच की जा रही है। वैध कागजात और पहचान पत्र दिखाने वालों को ही भारत में आने की अनुमति दी जा रही है। जिनके पास पहचान पत्र नहीं है, उन्हें सीमा पर ही रोक दिया जा रहा है।
नेपाल में हिंसा और इस्तीफा
नेपाल में जातीय समूह द्वारा शुरू हुआ विरोध अब हिंसक रूप ले चुका है। अब तक इस आंदोलन में 19 लोगों की मौत हो चुकी है और कई घायल हुए हैं। हालात बिगड़ने के बीच नेपाल के गृह मंत्री रमेश लेखक ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
प्रशासन की अपील
प्रशासन का कहना है कि सीमा पर पूरी तरह से सुरक्षा इंतज़ाम किए गए हैं और आम लोगों से अपील की गई है कि अफवाहों पर ध्यान न दें और सिर्फ आधिकारिक जानकारी पर भरोसा करें।
Report – Ashwani Kumar Dubey.