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UP BJP President: B L Verma तय, जानिए इनकी जाति और इनकी ताकत?

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लखनऊ। BJP के नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर महीनों से चल रही अटकलें अब खत्म होने वाली हैं। आज पीयूष गोयल लखनऊ आ चुके हैं। प्रांतीय परिषद के सदस्यों की घोषणा के साथ ही बीजेपी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, 12 दिसंबर को यूपी बीजेपी को नया अध्यक्ष मिल सकता है। लगभग 400 सदस्य प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव करेंगे। 16 दिसंबर खरमास से पहले BJP अपना प्रदेश अध्यक्ष चुन लेगी।

कौन रेस में?
बीएल वर्मा, साध्वी निरंजन ज्योति, बाबू राम निषाद, दलित नेता विद्यासागर सोनकर, पूर्व उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा,

Who Is UP BJP President (B L Verma)?

  • Banwari Lal Verma Biography: बीएल वर्मा का जन्म 1961 में उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के उझानी में हुआ। बदायूं जिले के उझानी तहसील के गांव ज्योरा पारवाला में जन्मे बीएल वर्मा की शुरुआती जिंदगी बिल्कुल साधारण रही।
  • पढ़ाई पूरी होने के बाद बीएल वर्मा ने राजनीति नहीं, बल्कि रोजगार की राह पहले चुनी। बदायूं के उझानी कस्बे में उन्होंने किराए का घर लिया और वहीं से बीमा एजेंट के रूप में काम शुरू किया।
  • 1984 में वे भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला महामंत्री बने और यहीं से उनका राजनीतिक कद बढ़ना शुरू हुआ। बाद में 1997 में युवा मोर्चा के प्रदेश मंत्री और 2003 से 2007 तक BJP के प्रदेश मंत्री रहे।
  • उनको संगठन में मजबूत पकड़ रखने वाला नेता माना जाता है। वे दो बार पार्टी के ब्रज क्षेत्र के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। बाद में उन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया, जिससे उनका कद और बढ़ गया। यूपी स्टेट कंस्ट्रक्शन डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के भी वे अध्यक्ष रहे हैं।

किस जाति से आते हैं बीएल वर्मा? (B L Verma Caste) Banwari Lal Verma Caste

बीएल वर्मा लोधी समाज से आते हैं, जो ओबीसी कैटेगरी में आता है। यूपी की राजनीति में लोधी समुदाय का प्रभाव खासतौर पर पश्चिमी यूपी में काफी माना जाता है। बीएल वर्मा को पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज नेता कल्याण सिंह का करीबी माना जाता है। दोनों एक ही समुदाय से होने के चलते बीएल वर्मा की पहचान पहले ही मजबूत हो चुकी थी और यही वजह है कि वे ओबीसी राजनीति के महत्वपूर्ण चेहरे बन गए।

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बीएल वर्मा का राजनीतिक सफर भले ही चुनावी मंचों से दूर रहा हो, लेकिन संगठन के भीतर उनकी मजबूती लगातार बढ़ती गई।
● 1979 – RSS से जुड़ाव शुरू
● 1980 – भाजपा की सदस्यता ग्रहण
● जिला कमेटी में सदस्य के रूप में शुरुआत
● 1984 – भाजपा जिला युवा कमेटी के महामंत्री
● 1990 – भाजपा प्रदेश महामंत्री
● 1996 – युवा मोर्चा के प्रदेश मंत्री

कैसे होता है BJP में अध्यक्ष चुनाव?

BJP प्रदेश अध्यक्ष चुनने की संवैधानिक प्रक्रिया के तहत सबसे पहले प्रांतीय परिषद के सदस्य तय किए जाते हैं। 403 विधानसभा क्षेत्रों से एक-एक सदस्य चुना जाता है। हालांकि, यह वहीं से चुने जाते हैं जहां के जिलाध्यक्ष घोषित हो चुके होते हैं। BJP ने 98 जिलों में प्रदेश को बांटा हुआ है। इसमें से 84 जिलाध्यक्ष घोषित हो चुके हैं। इनमें 350 से अधिक प्रांतीय परिषद के सदस्य घोषित हो गए हैं। इसके अलावा पार्टी के विधानमंडल और संसद सदस्यों में से 10-10 प्रतिशत सदस्य परिषद में शामिल होते हैं।

BJP के विधान सभा में 258 व विधान परिषद के 79 सदस्य हैं यानी कुल 337 सदस्य हैं। इनमें से 34 परिषद के सदस्य बनेंगे। इसी प्रकार लोक सभा में 33 व राज्य सभा में 24 यानी कुल 57 सदस्यों में छह सदस्य प्रांतीय परिषद में शामिल होंगे।

प्रदेश अध्यक्ष चुनाव के लिए केवल 50 प्रतिशत से अधिक जिलाध्यक्षों का चयन जरूरी था, जबकि वर्तमान में 86 प्रतिशत जिलाध्यक्षों का चयन हो चुका है। इसी प्रकार 1918 मंडलों में से 1600 से अधिक में चुनाव संपन्न हो चुके हैं। ऐसे में प्रदेश अध्या के चुनाव प्रक्रिया में अब कोई तकनीकी बाधा नहीं है। यूं तो BJP में परंपरागत रूप से अध्यक्ष का चयन आमतौर पर सर्वसम्मति से होता है, लेकिन प्रारंभिक प्रक्रिया पूरी निभाई जाएगी।

मतदान सूची जारी होने के बाद दो दिन तय होंगे। पहले दिन नामांकन, जांच और नाम वापसी के लिए होगा। यदि एक ही नामांकन भरा गया तो सर्वसम्मति से चुनाव हो जाएगा। यदि एक से अधिक उम्मीदवार नामांकन करते हैं तो दूसरे दिन मतदान व मतगणना होगी। राष्ट्रीय परिषद के लिए भी यहां से सदस्यों का चुनाव किया जाएगा।

प्रस्तावक होंगे शीर्ष नेता

प्रदेश अध्यक्ष के नामांकन में प्रस्तावक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक और संगठन के प्रमुख नेता शामिल हो सकते हैं। इसी प्रकार राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में प्रस्तावक राष्ट्रीय परिषद के सदस्य होते हैं। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि राष्ट्रीय परिषद में प्रदेश से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शामिल हो सकते हैं।