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रामकोला में तिरंगा लाइट Project फ्लॉप, अफसरों की चुप्पी से नाराज लोग

नगर पंचायत रामकोला में करोड़ों रुपये की लागत से लगाई गई तिरंगा थीम वाली स्ट्रीट लाइटें शुरू होते ही बंद पड़ने लगी हैं. शहर की प्रमुख सड़कों और चौराहों पर लगाए गए ये आकर्षक तिरंगा लाइट पोल अब अंधेरे में डूबे नजर आने लगे हैं, कुछ ही समय पहले शुरू हुई यह परियोजना शुरू से ही चर्चा में थी, लेकिन लाइटों के न जलने पर अब इसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की आशंका जताई जा रही है.

गुणवत्ता पर उठ रहे सवाल
स्थानीय नागरिकों ने आरोप लगाया है कि इतनी बड़ी परियोजना में मानक गुणवत्ता का न तो सामान लगाया गया और न ही उचित निगरानी की गई, कई जगहों पर लाइटें पूरी तरह बंद हैं, जबकि कई स्थानों पर ढीली वायरिंग, खराब फिटिंग और खंभों में तकनीकी खामियां साफ दिखाई दे रही हैं. लोगों का कहना है कि यदि निर्माण कार्य गुणवत्ता के अनुरूप हुआ होता, तो लाइटें कुछ ही दिनों में खराब न पड़तीं.

शिकायतों पर अधिकारियों की चुप्पी बढ़ा रही नाराजगी
शहरवासियों का आरोप है कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी स्थिति को लेकर उदासीन बने हुए हैं, कई स्थानीय लोगों का कहना है कि फोन करने पर भी अधिकारी कॉल नहीं उठा रहे, जिससे जनता में रोष बढ़ता जा रहा है. नागरिकों ने सवाल उठाया कि जब करोड़ों रुपये जनता के टैक्स से खर्च किए गए हैं, तो जिम्मेदारी तय करना प्रशासन की प्राथमिकता क्यों नहीं.

जिला प्रशासन से जांच की मांग
चर्चाओं और नाराजगी के बढ़ते माहौल को देखते हुए लोगों ने जिला प्रशासन से तिरंगा लाइट परियोजना की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है, नागरिकों का कहना है कि यह सिर्फ लाइट खराब होने का मामला नहीं, बल्कि सार्वजनिक धन के दुरुपयोग का गंभीर संकेत है. यदि समय रहते जांच नहीं हुई, तो ऐसे मामलों में भ्रष्टाचार और बढ़ेगा, स्थानीय जनता का कहना है कि दोषी अधिकारियों और ठेकेदारों पर सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि आगे ऐसे कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित हो सके.

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रिपोर्ट -गिरजेश गोविन्द राव /कप्तानगंज