Advertisement

कहर: पिछले 47 साल से ऐसी बाढ़ आगरा ने नहीं देखी

आगरा: यमुना नदी के उफान ने आगरा में 47 वर्ष पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है। नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने के कारण शहर एवं ग्रामीण अंचलों में अभूतपूर्व स्थिति उत्पन्न हो गई है।

ऑपरेशन मजनू: लड़की छेड़ा, तुरंत जेल, नहीं मिली बेल

रिलेशनशिप में भी लड़कियां क्यों रखती हैं कुछ सीक्रेट? जानें असली कारण

कैलाश घाट से लेकर बटेश्वर तक नदी का पानी फैल चुका है। विश्व प्रसिद्ध धरोहर ताजमहल भी बाढ़ की चपेट में आ गया है। स्मारक के पीछे स्थित पूरा पार्क जलमग्न हो चुका है तथा पानी की धाराएँ स्मारक की बाउंड्री तक पहुँच गई हैं।

लगभग 25 कॉलोनियां और 40 गाँव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। प्रशासन के अनुसार अब तक 50 हज़ार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों एवं राहत शिविरों में स्थानांतरित किया गया है। प्रभावित क्षेत्रों में घरों, दुकानों और गलियों में कई फीट तक पानी भर गया है।

1978 के बाद पहली बार यमुना का जलस्तर इस प्रकार के संकट का कारण बना है। प्रशासन की ओर से एनडीआरएफ की टीमें राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। वहीं, शहर के कई इलाकों में बिजली और पेयजल आपूर्ति बाधित हो गई है।

बुजुर्गों के अनुसार 47 वर्ष पूर्व भी यमुना ने इसी प्रकार का रूप दिखाया था, किन्तु इस बार स्थिति और अधिक भयावह प्रतीत हो रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि लगातार हो रही वर्षा तथा ऊपरी बाँधों से छोड़े गए पानी के कारण नदी का जलस्तर असामान्य रूप से बढ़ा है।

प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जाने से बचें।

रिपोर्ट- रोहन त्यागी, वेस्ट यूपी हेड