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“SP सांसद रुचि वीरा का बड़ा बयान! अखलाक केस में सरकार पर सवाल”

मुरादाबाद: समाजवादी पार्टी की सांसद रुचि वीरा ने मीडिया से बातचीत के दौरान कई अहम मुद्दों पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने प्रदेश सरकार, विश्व हिंदू परिषद के बयानों और बिहार चुनाव को लेकर तीखी टिप्पणियां कीं, सांसद ने कहा कि समाज को बाँटने वाली राजनीति और अपराधियों को संरक्षण देने जैसे कदम बेहद चिंताजनक हैं.

एक दोषी की वजह से पूरे समाज को बदनाम करना गलत — वीएचपी बयान पर प्रतिक्रिया
डॉक्टर के नेम प्लेट विवाद पर वीएचपी नेता के बयान को लेकर सपा सांसद रुचि वीरा ने कहा: अगर एक आदमी गलत है तो उसकी वजह से पूरी बिरादरी या समाज को बदनाम करना गलत है, हर धर्म और हर समाज में सभी तरह के लोग होते हैं. सरकार को ऐसे बयानों को बढ़ावा नहीं देना चाहिए, बल्कि समाज में सौहार्द बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जो तत्व ऐसे बयान देते हैं, वे समाज को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, उनका स्पष्ट कहना था कि: “जो मुल्जिम है, उसकी न कोई जाति होती है, न कोई धर्म।” बिहार चुनाव: “पारदर्शिता नहीं रही, बिहार में दोबारा चुनाव हों”.

बिहार चुनाव के नतीजों और लालू यादव परिवार में मतभेद के सवाल पर सांसद ने कहा कि पारिवारिक मामला समय के साथ ठीक हो जाएगा, लेकिन असली चिंता चुनाव प्रक्रिया की है, उन्होंने बताया कि संसद के 200 सांसदों ने आनन-फानन में कराई गई SIR का विरोध किया था. चुनाव प्रक्रिया पारदर्शी नहीं दिखी है. चुनाव आयोग को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए.

रुचि वीरा ने कहा “बिहार में दोबारा चुनाव होने चाहिए. इतनी जल्दबाज़ी में SIR कराना मैनेजमेंट का हिस्सा था, हम इसके पक्ष में नहीं हैं और न INDIA गठबंधन इसके पक्ष में है.” साथ ही उन्होंने लोगों से अपना वोट सही तरीके से बनवाने और चुनाव आयोग से निष्पक्षता की मांग की.

अखलाक हत्याकांड: “मुकदमे वापस लेना पीड़ितों के प्रति अन्याय”
अखलाक हत्याकांड के आरोपियों पर प्रदेश सरकार द्वारा मुकदमे वापस लेने के मामले पर सांसद ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा: यह घटना बेहद दुखद और शर्मनाक थी, एक सेक्युलर देश में ऐसी घटनाएँ दुर्भाग्यपूर्ण हैं, न्यायपालिका को अपना काम करने देना चाहिए. उन्होंने कहा: “सरकार अगर ऐसे आरोपियों के मुकदमे वापस लेगी, तो यह अपराधियों को बढ़ावा देने जैसा होगा और पीड़ित को हताशा मिलेगी.”

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