जायस: राजीव गांधी पेट्रोलियम प्रौद्योगिकी संस्थान, जायस में आज रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान, मुंबई के साथ एक महत्वपूर्ण सहमति-पत्र (समझौता ज्ञापन) पर हस्ताक्षर किए गए. यह समझौता प्रोफेसर ए. बी. पंडित, कुलपति, रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान तथा प्रोफेसर हरीश हिरानी, निदेशक, राजीव गांधी पेट्रोलियम प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा संपन्न किया गया.
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दोनों ही प्रमुख संस्थान पेट्रोलियम, ऊर्जा तथा रासायनिक विज्ञान के क्षेत्र में अपने अग्रणी कार्य के लिए प्रसिद्ध हैं. यह सहयोग शैक्षणिक समन्वय, संयुक्त अनुसंधान, प्रशिक्षण तथा प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा देगा तथा भारत की ऊर्जा सुरक्षा और औद्योगिक प्रगति में योगदान करेगा.
इस अवसर पर प्रोफेसर ए. बी. पंडित, कुलपति, रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान ने कहा: “यह समझौता रासायनिक और पेट्रोलियम क्षेत्र के दो अग्रणी संस्थानों के बीच सशक्त समन्वय का प्रतीक है. अनुसंधान और नवाचार में अपनी शक्तियों को एकत्र कर हम ऊर्जा क्षेत्र की महत्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान कर सकते हैं तथा राष्ट्र के औद्योगिक विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं.”
प्रोफेसर हरीश हिरानी, निदेशक, राजीव गांधी पेट्रोलियम प्रौद्योगिकी संस्थान ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा: “राजीव गांधी पेट्रोलियम प्रौद्योगिकी संस्थान ने सदैव ऐसे अनुसंधान और औद्योगिक सहयोग को प्राथमिकता दी है, जिनका सीधा प्रभाव राष्ट्रीय आवश्यकताओं पर पड़े. रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान के साथ यह साझेदारी न केवल शैक्षणिक और अनुसंधान वातावरण को सुदृढ़ करेगी, बल्कि सतत ऊर्जा और रासायनिक प्रौद्योगिकी में ऐसे समाधान प्रदान करेगी, जिनकी देश को तत्काल आवश्यकता है.”
इस अवसर पर प्रोफेसर एम. एस. बालथानिगैमनी, अनुसंधान एवं विकास अधिष्ठाता, डॉ. मिलन कुमार, सह-अधिष्ठाता (अनुसंधान एवं विकास), अन्य सभी अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष तथा संस्थान के कुलसचिव उपस्थित रहे.
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यह साझेदारी रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान और राजीव गांधी पेट्रोलियम प्रौद्योगिकी संस्थान के बीच शैक्षणिक एवं अनुसंधान सहयोग का एक नया अध्याय है, जो भारत के ऊर्जा एवं रासायनिक उद्योग क्षेत्र में नवाचार और ज्ञान आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करेगी.