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मथुरा-बाँके बिहारी कॉरिडोर की तैयारी तेज, Live दर्शन और भ्रष्टाचार पर जांच का शिकंजा

मथुरा, वृन्दावन के विश्व प्रसिद्ध ठाकुर बाँके बिहारी मंदिर से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श और आगामी विकास योजनाओं को गति देने के लिए हाई पावर कमेटी की बैठक आयोजित की गई, जिसके अध्यक्ष पूर्व जस्टिस अशोक कुमार हैं। इस बैठक में सबसे महत्वपूर्ण फैसला बाँके बिहारी कॉरिडोर के निर्माण और मंदिर के प्रबंधन में पारदर्शिता लाने से संबंधित था।

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कॉरिडोर की तैयारी तेज: मुआवजे की रूपरेखा पर मंथन

वृन्दावन में प्रस्तावित बाँके बिहारी कॉरिडोर को लेकर सरकार का रुख स्पष्ट है और अब इसकी तैयारी तेज कर दी गई है। कमेटी की बैठक में कॉरिडोर की जद में आने वाले दुकानों और मकानों के स्वामियों को दिए जाने वाले मुआवजे की रूपरेखा पर विस्तार से चर्चा हुई। इस कदम से कॉरिडोर निर्माण का रास्ता साफ होने की उम्मीद है।

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भक्तों के लिए लाइव दर्शन और व्यवस्था में सुधार

भक्तों को सुविधा प्रदान करने के लिए कमेटी ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया कि ठाकुर बाँके बिहारी के दर्शन की लाइव स्ट्रीमिंग जल्द शुरू की जाएगी। इसके अलावा, मंदिर परिसर की साफ-सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए मशीनें लगाई जाएंगी और भक्तों के लिए मंदिर परिसर में प्रसाद बनाने की योजना पर भी सहमति बनी। पारदर्शिता के लिए मंदिर की गोलक खोलने की प्रक्रिया पर भी विचार विमर्श हुआ।

पूर्व प्रबंधन पर भ्रष्टाचार की गाज

बैठक में मंदिर की पूर्व प्रबंधन कमेटी पर लगे भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप मुख्य विषय रहे। चार्टर्ड अकाउंटेंट कंपनी के ऑडिट में बड़ी रकम की वित्तीय गड़बड़ी सामने आई है, जिसमें नियमों की अनदेखी कर एक सिक्योरिटी कंपनी को हर साल दोगुनी रकम दिए जाने का मामला शामिल है। अध्यक्ष जस्टिस अशोक कुमार ने तत्काल इन सभी अनियमितताओं की जांच के आदेश दिए। साथ ही, सिक्योरिटी कंपनी को जीएसटी जमा करने के भी निर्देश दिए गए हैं।

व्यवस्था सुधार और अतिक्रमण मुक्ति

पारदर्शिता लाने के लिए मंदिर की गोलक खोलने की प्रक्रिया पर विचार किया गया। वहीं, भक्तों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए:

  • मंदिर की साफ-सफाई के लिए मशीनें लगाई जाएंगी।
  • मंदिर प्रांगण में ही प्रसाद बनाने की योजना पर बातचीत हुई।
  • गेट नंबर 1, 2 और 3 के पास बने रैन बसेरे के कमरों में दुकानों द्वारा किए गए अतिक्रमण को तुरंत खाली करने पर विचार विमर्श किया गया।
    यह बैठक दर्शाती है कि मंदिर के ऐतिहासिक महत्व और पवित्रता को बनाए रखने के लिए अब प्रशासन सख्त कार्रवाई के मूड में है।