वृंदावन के पूज्य श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज के आश्रम श्री हित राधा केलि कुंज ट्रस्ट ने उनकी शिक्षाओं, पुस्तकों और आध्यात्मिक साहित्य के अवैध पुनर्प्रकाशन और कॉपीराइट उल्लंघन पर सख्त नाराज़गी जताई है. ट्रस्ट ने इस मामले में साइबर क्राइम सेल में आधिकारिक शिकायत दायर कर दी है.
अवैध प्रकाशन से भक्तों की भावनाएं आहत: ट्रस्ट की शिकायत
ट्रस्ट के सचिव गौतम चिलाना ने दर्ज शिकायत में बताया कि महाराजश्री की पुस्तकों और आध्यात्मिक सामग्री को कुछ प्रकाशक और विक्रेता बिना अनुमति के बेच रहे हैं. वह भी ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्लेटफॉर्मों परय
शिकायत में प्रमुख आरोप
कॉपीराइट उल्लंघन: आश्रम द्वारा प्रकाशित पुस्तकों की हूबहू नकल कर उन्हें व्यावसायिक रूप से बेचा जा रहा है.
धोखाधड़ी: अवैध प्रकाशक महाराजश्री के नाम, चित्र और तस्वीरें इस्तेमाल कर भक्तों को भ्रमित कर रहे हैं.
पुस्तकें निशाने पर: ‘ब्रह्मचर्य’ सहित कई रचनाएं बिना अनुमति के प्रकाशित और बेची जा रही हैं.
आस्था से खिलवाड़: ट्रस्ट का कहना है कि इससे न केवल आर्थिक नुकसान हो रहा है, बल्कि भक्तों की आस्था, विश्वास और भावनाओं को भी क्षति पहुंच रही है.
उल्लंघनों की बढ़ती घटनाओं के चलते ट्रस्ट को कानूनी कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा.
कानूनी कार्रवाई की मांग – तीन बड़े कानून लागू
ट्रस्ट ने शिकायत के साथ अवैध प्रकाशकों के नाम, पते, वेबसाइट लिंक और प्रमाण भी जमा किए हैं, ट्रस्ट ने पुलिस से आग्रह किया है कि मामला निम्न धाराओं के तहत दर्ज किया जाए. भारतीय न्याय संहिता (BNS), कॉपीराइट अधिनियम, 1957, सूचना, प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000, ट्रस्ट ने अधिकारियों से तत्काल एफआईआर दर्ज करने और इस अवैध गतिविधि को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है, ताकि आध्यात्मिक साहित्य की पवित्रता और महाराजश्री के पूजनीय नाम की रक्षा की जा सके.
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