अच्छी सेहत, सुख-समृद्धि और आरोग्य की कामना से हर साल नवरात्रि का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. चैत्र और शारदीय नवरात्रि को पूरे भारत में देवी मां के भक्त श्रद्धा और भक्ति से मनाते हैं. इसी कड़ी में मुरादाबाद में भी नवरात्रि का शुभारंभ पूरे उत्साह और भक्ति के साथ हुआ. नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है, भक्तों ने मंदिरों में पहुंचकर माता रानी की आराधना की और जमकर जयकारे लगाए.
काली मंदिर में उमड़ा जनसैलाब
मुरादाबाद के लालबाग स्थित प्रसिद्ध काली माता मंदिर में सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. सुबह 5 बजे से ही भक्तों की लंबी कतारें लग गईं, श्रद्धालु माता के दर्शन और आशीर्वाद पाने के लिए आतुर दिखे, मंदिर प्रांगण में जय माता दी के जयकारों से गूंजती आवाज ने माहौल को भक्तिमय बना दिया.
मां शैलपुत्री की पूजा का महत्व
नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री, जो देवी दुर्गा का पहला स्वरूप हैं, की पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस दिन मां शैलपुत्री की आराधना करने से जीवन में सुख, संपत्ति और आरोग्य की प्राप्ति होती है। भक्तों ने पूरे विधि-विधान से मां की पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद मांगा.
कलश स्थापना की परंपरा
नवरात्रि की शुरुआत कलश स्थापना से होती है। इसे शक्ति और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. मुरादाबाद के मंदिरों में भी पहले दिन कलश स्थापना की गई, जिसके बाद भक्तों ने दुर्गा सप्तशती के पाठ और भजन-कीर्तन किए.
भक्तों की आस्था और सुरक्षा इंतजाम
भक्तों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन और पुलिस की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. लंबी कतारों के बीच भक्तों ने धैर्य के साथ माता के चरणों में मत्था टेका और परिवार की सुख-शांति के लिए आशीर्वाद लिया.
नवरात्रि का संदेश
नवरात्रि केवल पूजा का पर्व नहीं, बल्कि आस्था, शक्ति और आत्मविश्वास का प्रतीक है. पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा से भक्तों को यह संदेश मिलता है कि जीवन में धैर्य और विश्वास बनाए रखने से सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं.
इसे भी पढ़े- उत्तराखंड के चमोली में बादल फटने से तबाही, एनडीआरएफ बचाव कार्य में जुटी