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ग्राम सभा की जमीन पर बना मदरसा, कागजों में हुई थी हेरा फेरी

कुशीनगर: कुशीनगर में ग्राम सभा की ज़मीन पर अवैध कब्जा करके बनाए गए मदरसे में बड़ा अपडेट सामने आया है. जिस आदेश के तहत ग्राम सभा कि जमीन को मस्जिद के नाम से किया गया था वह पूरी प्रक्रिया फर्जी पाई गई है. एडीएम की जांच में यह सच सामने आया कि ग्राम सभा को जमीन लेखपाल से लेकर एसडीएम ने भी गलत प्रक्रिया के तहत मदरसे के नाम किया . यह खुलासा होने के बाद मदरसा के संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है. प्रशासन ने मदरसा संचालकों को नोटिस देकर उनका पक्ष मांगा है.

दरअसल उत्तर प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य फूलबदन कुशवाहा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर फाजिलनगर नगर पंचायत के वार्ड नंबर- 15 धनौजी खुर्द में मदरसा अनजुमन इस्लामिया फैजुल उलूम ग्राम सभा की ज़मीन पर संचालित होने का आरोप लगाया था. उन्होंने ने अपने शिकायती पत्र में लिखा था कि साल 1996 में अंजुमन इस्लामिया फैजुल उलूम मदरसे को सरकारी अनुदान मिला लेकिन उस समय मदरसे के पास अपनी कोई ज़मीन नहीं थी.

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इसके बाद ग्राम सभा की ज़मीन पर कब्जा कर वहां इमारत खड़ी कर दी गई और उसी में पढ़ाई शुरू कर हो गया . ग्राम सभा की जमीन पर अवैध कब्जा करने बनाए गए भवन पर मदरसा चल रहा है. पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य फूलबदन कुशवाहा का आरोप था कि यहां न सिर्फ अवैध कब्जा है बल्कि 2024 में प्रबंधक मंडल ने रिश्वत लेकर नियुक्तियां भी की हैं.पत्र में लिखा गया है कि मदरसे की ज़मीन के असल मालिक के बेटे को नियुक्त किया गया और उसे तनख्वाह दी जा रही है.ये सीधा-सीधा भ्रष्टाचार और सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ाने का मामला है.फूलबदन कुशवाहा ने मुख्यमंत्री से मांग किया था कि इस मदरसे का अनुदान तत्काल रद्द किया जाए और ग्राम सभा की ज़मीन को मदरसे की कब्जे से मुक्त कराने के साथ ही जिम्मेदार प्रबंधक मंडल पर मुकदमा दर्ज होना चाहिए.

अब हम मदरसे के नाम दर्ज ग्राम सभा के जमीन की बात करें तो 27 सितंबर 2021 को दर्ज एक मामले की तहसीलदार जांच में ये तथ्य सामने आया कि गाटा संख्या 103, रकबा 0.02480 हेक्टेयर, जो कि ग्राम सभा धनौजी खुर्द, तहसील कसया में हैं,यह बंजर की जमीन अनजुमन इस्लामिया फैजुल उलूम मदरसा के कब्जे में है.जांच पत्र में साफ लिखा गया कि उक्त ज़मीन मदरसे की है.ग्राम सभा को इससे कोई आपत्ति नही हैं.20 दिसंबर 2021 की जांच रिपोर्ट के आधार पर उपजिलाधिकारी ने आदेश देते हुए इन जमीन को मदरसे के नाम पर प्रविष्टि की अनुमित तक दे दी लेकिन एसडीएम ने जिस जांच रिपोर्ट के आधार पर आदेश दिया उस रिपोर्ट की सत्यता साबित नहीं हो पाई.इतना ही नहीं एसडीएम न्यायालय के आदेश पर लगने वाला बार कोड भी फर्जी निकला.जिसके बाद एडीएम वैभव मिश्र ने पूरी प्रक्रिया को संदेहास्पद मानते हुए आदेश को स्थगित कर दिया. एडीएम ने मदरसे के प्रबन्ध तंत्र को नोटिस देकर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है. उसके बाद मदरसा संचालकों में हड़कंप मच गया है.अगर मदरसा प्रबन्धन न्यायोचित प्रक्रिया के तहत ग्राम सभा की जमीन को मदरसे को मिलना साबित नहीं कर पाया तो ना केवल मदरसे की मान्यता रद्द होगी बल्कि सरकार से लिया गया अनुदान भी वापस लौटाने की प्रक्रिया शुरू होगी.

रिपार्ट-रितेश पांडेय

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