कुशीनगर जनपद में छोटी गंडक नदी का जलस्तर भले ही कम हो गया हो, लेकिन खनन माफ़ियाओं की हिम्मत लगातार बढ़ती जा रही है। कप्तानगंज क्षेत्र के मदरहवा घाट पर दिनदहाड़े अवैध खनन का खेल निर्भीक रूप से जारी है। बालू निकालने के नाम पर यहां खुलेआम कानून की धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं। नदी तट पर बालू के ऊँचे-ऊँचे पहाड़ खड़े हैं, लेकिन विभागीय फ़ाइलों में गहरी खामोशी दर्ज है। Age बढ़ते ही दोस्त दूर क्यों हो जाते हैं? ये है असली सच
स्थानीय लोगों का कहना है कि शिकायतें ऊपर तक पहुँचती तो हैं, पर कार्रवाई नीचे आते-आते शायद खुद ही “रेत” बन जाती है। खनन माफ़िया लगातार मशीनों और ट्रैक्टरों के साथ दिन-रात सक्रिय हैं, जबकि खनन विभाग की मौजूदगी सिर्फ धूप वाले दिनों में ही दिखती है—मानो विभाग सौर ऊर्जा से चलता हो। Bihar News : राबड़ी आवास खाली करने का नोटिस, रोहिणी-तेजप्रताप ने नीतीश पर साधा निशाना!
अवैध खनन के कारण नदी का प्राकृतिक प्रवाह बिगड़ रहा है, तटों का संतुलन खतरे में है, और पर्यावरण को भारी नुकसान पहुँच रहा है। इसके बावजूद कार्रवाई का प्रवाह शुरू होने का नाम ही नहीं ले रहा।
अब बड़ा सवाल यही है—
अवैध खनन रोकने की ज़िम्मेदारी आखिर किसकी है?
खनन विभाग की… या फिर किसी और प्रणाली को इसके लिए जागना पड़ेगा?
स्थानीय जनता ठोस कार्रवाई की मांग कर रही है, ताकि मदरहवा घाट पर फैल रहा यह अवैध खनन का साम्राज्य रोका जा सके।
रिपोर्ट -गिरजेश गोविन्द राव /कप्तानगंज


























