मथुरा: ब्रजमंडल में गोवर्धन पूजा महोत्सव बड़े ही उत्साह और पारंपरिक श्रद्धा के साथ मनाया गया.दीपावली के अगले दिन होने वाली इस पूजा का विशेष महत्व है, क्योंकि यह भगवान श्रीकृष्ण द्वारा इंद्र के अहंकार को तोड़कर गोवर्धन पर्वत की पूजा शुरू करवाने की कथा से जुड़ी है.
आज सुबह द्वारिकाधीश मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की गई. भक्तों ने गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाकर पारंपरिक विधि से पूजन किया. वहीं गोवर्धन स्थित जतीपुरा मुखारविंद और केशरिया मंडान में भी भव्य आयोजन हुआ, जिसने पूरे क्षेत्र को भक्ति भाव से सराबोर कर दिया.
इंद्रपूजा स्थल पर हुआ भगवान गिरिराज का अभिषेक
गोवर्धन पर्व के अवसर पर इंद्रपूजा स्थल पर भगवान गिरिराज का अभिषेक और पूजन किया गया. मान्यता है कि इस दिन भगवान का अभिषेक करने से भक्तों को विशेष पुण्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. सुबह से ही विभिन्न मंदिरों और पूजा स्थलों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी, जिन्होंने गोवर्धन महाराज का पूजन कर अन्नकूट प्रसाद ग्रहण किया और परिक्रमा पूरी की.
प्रकृति और गौ-धन के सम्मान का संदेश
पूरे ब्रज क्षेत्र में दिनभर “गिरिराज धरण की जय” के जयकारे गूंजते रहे. यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि प्रकृति और गौ-धन का सम्मान करना कितना आवश्यक है. भक्तों ने श्रद्धा और आनंद के साथ पर्व का समापन किया.