ब्रजमंडल में दिवाली के अगले दिन से शुरू हुई गोवर्धन पूजा का उल्लास चरम पर है, इस वर्ष पंचांग की तिथियों के चलते यह महापर्व दो दिन तक मनाया जा रहा है. आज वैष्णव संप्रदाय के भक्त पूर्ण श्रद्धा और उल्लास के साथ गोवर्धन पूजा मना रहे हैं.
वैष्णव संप्रदाय आज मना रहा पर्व
शास्त्रों के अनुसार, गोवर्धन पूजा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को की जाती है. इस वर्ष प्रतिपदा तिथि का मान दो दिनों तक रहने से वैष्णव संप्रदाय आज यह पर्व मना रहा है.
भक्तों ने सुबह से ही मंदिरों में पूजा-अर्चना आरंभ कर दी. गोवर्धन पर्वत के प्रतीक स्वरूप गोबर से बनाए गए गिरिराज जी के स्वरूप की विशेष पूजा की जा रही है.
कृष्ण की लीला का स्मरण
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, द्वापर युग में इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रजवासियों को इंद्र के प्रकोप से बचाने के लिए अपनी कनिष्ठा उंगली पर पूरा गोवर्धन पर्वत उठा लिया था.
कृष्ण ने लगातार सात दिन और सात रात तक पर्वत धारण किए रखा, जिससे इंद्र की मूसलाधार वर्षा की एक बूंद भी ब्रजभूमि पर नहीं गिरी.
यह लीला भगवान की प्रकृति के प्रति सम्मान और भक्तों के प्रति करुणा का प्रतीक मानी जाती है.
अन्नकूट महोत्सव और भक्तों की परिक्रमा
आज गोवर्धन और ब्रज के सभी प्रमुख मंदिरों में अन्नकूट महोत्सव का आयोजन किया गया है. भगवान श्रीकृष्ण को सैकड़ों प्रकार के व्यंजनों का भोग अर्पित किया जा रहा है.
भक्त गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा कर रहे हैं और गोबर से बने गोवर्धन पर्वत की पूजा कर रहे हैं.
पूरे क्षेत्र में भक्ति, संगीत और उल्लास का माहौल है.
कल गौड़िया संप्रदाय मनाएगा पर्व
गौड़िया वैष्णव संप्रदाय के भक्त कल (बुधवार) को गोवर्धन पूजा करेंगे.
दो दिनों तक चलने वाले इस धार्मिक आयोजन से पूरा ब्रजमंडल कृष्ण भक्ति में रंग गया है.
रिपोर्ट- सौरभ शर्मा
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