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गोवर्धन पर्व पर अद्भुत नजारा — अन्नकूट के दर्शन से झूमे भक्त

मथुरा: पावन गोवर्धन पूजा के अवसर पर मंगलवार को गिरिराज महाराज को भव्य ‘अन्नकूट’ का भोग श्रद्धा और भक्ति के साथ अर्पित किया गया. दीपावली के ठीक अगले दिन मनाए जाने वाले इस पर्व ने गोवर्धन क्षेत्र को भक्ति और उल्लास से सराबोर कर दिया.

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को ब्रजवासियों को देवराज इंद्र के प्रकोप से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठा उंगली पर धारण किया था, इसके बाद ब्रजवासियों ने गिरिराज महाराज को 56 भोग समर्पित किए थे, जिससे ‘अन्नकूट’ पर्व की शुरुआत हुई.

छप्पन भोग और अन्नकूट की परंपरा से गूंजा गिरिराज धाम

इस वर्ष भी गिरिराज महाराज को समर्पित अन्नकूट भोग में सैकड़ों व्यंजन और मिष्ठान्न तैयार किए गए। भक्तों ने प्रेमपूर्वक भगवान को कई प्रकार की मौसमी सब्जियाँ, कढ़ी-चावल, बाजरे की खिचड़ी, पूड़ी, खीर, मालपुआ और लड्डू अर्पित किए.

पूजा के बाद भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण किया गया, हजारों श्रद्धालुओं ने गिरिराज महाराज के दर्शन कर “गिरिराज धरण की जय” के जयकारों से वातावरण को भक्तिमय बना दिया.

आस्था और संस्कृति का प्रतीक पर्व

अन्नकूट महोत्सव न केवल ब्रज संस्कृति की समृद्ध परंपरा को प्रदर्शित करता है, बल्कि यह प्रकृति और गौ-धन के प्रति सम्मान का संदेश भी देता है. भक्तों ने इस पर्व को आध्यात्मिकता, प्रेम और एकता का प्रतीक बताया। पूरे गोवर्धन में दो दिनों तक पूजा-अर्चना, भोग और परिक्रमा का आयोजन चलता रहा.

रिपोर्ट- सौरभ शर्मा

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