मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश): जहां आज भी समाज में दहेज लोभियों के नए चेहरे सामने आते हैं, कहीं बहू-बेटियों को प्रताड़ित किया जाता है, तो कहीं अतिरिक्त दहेज की मांग पूरी न होने पर उनकी जान तक ले ली जाती है. वहीं इसी समाज में एक ऐसा चेहरा भी है जिसने इंसानियत, संस्कार और साहस की मिसाल पेश की है. बुढ़ाना तहसील के नगवा गांव निवासी अवधेश राणा ने अपनी शादी में दहेज में मिलने जा रहे 31 लाख रुपये ठुकराकर समाज के सामने एक उदाहरण रख दिया, बारात में मौजूद सभी मेहमान दूल्हे के इस कदम से हैरान भी हुए और गर्व से तालियां बजाकर उनकी सराहना भी की.
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बारात में ही लौटाया 31 लाख का दहेज
जानकारी के अनुसार, अवधेश राणा की शादी 22 नवंबर को शहाबुद्दीनपुर गांव निवासी अदिति सिंह के साथ नगर के एक बैंक्वेट हॉल में सम्पन्न हुई. गोरा तिलक के समय लड़की पक्ष की ओर से दहेज के रूप में 31 लाख रुपये पेश किए गए थे, लेकिन सभी के सामने अवधेश ने हाथ जोड़कर पूरी राशि लौटा दी और साफ कहा हम दहेज प्रथा के खिलाफ हैं, दहेज लेना गलत है और इसे पूरी तरह बंद होना चाहिए. दूल्हे के इस साहसिक कदम ने समारोह में मौजूद हर व्यक्ति का दिल जीत लिया.

दुल्हन की कहानी भी भावुक करने वाली
अदिति के पिता सुनील का कोरोना काल में निधन हो गया था, इसके बाद अदिति और उसका भाई अभिनव राणा अपनी मां सीमा के साथ नाना सुखपाल के यहां शहाबुद्दीनपुर में रह रहे थे. अदिति ने वहीं से M.Sc. की पढ़ाई पूरी की नाना ने ही उसकी शादी बुढ़ाना के व्यापारी परिवार से ताल्लुक रखने वाले अवधेश राणा से तय की थी.
हमारा रिश्ता ₹1 से शुरू हुआ था… फिर दहेज का सवाल ही नहीं” – अवधेश राणा
शादी के बाद मीडिया से बातचीत में अवधेश राणा ने दहेज प्रथा पर अपनी कड़ी राय रखी, उन्होंने कहा वे लोग 31 लाख रुपये दे रहे थे, लेकिन हमने वापस कर दिए. हमारा रिश्ता ही ₹1 का था, फिर दहेज कैसे लेते. दहेज प्रथा गलत है, इसे बंद होना चाहिए. लोग कर्ज में डूब जाते हैं, बाप आजीवन कमाई लगाकर भी मांगें नहीं पूरी कर पाता, यही वजह है कि हम दहेज के खिलाफ हैं.
समाज को दिया बड़ा संदेश
अवधेश राणा का यह कदम आज के समय में बेहद महत्वपूर्ण है, जब दहेज के लालच में जाने कितनी जिंदगियाँ तबाह हो रही हैं, उनका निर्णय न सिर्फ चर्चा का विषय बना हुआ है, बल्कि दहेज लोभियों के लिए एक करारा जवाब भी है. उन्होंने यह साबित किया कि रिश्ते पैसों से नहीं, संस्कार और समझ से बनते हैं.



























