भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट अब पर्यटकों के लिए और भी खास बनती जा रही है. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लगातार इस ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल के पर्यटन विकास के लिए प्रयासरत है. इसी दिशा में रानीपुर टाइगर रिजर्व में वन्यजीवों की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है.
रविवार को रिजर्व में एक नए तेंदुए की आमद हुई, जिसे उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले से रेस्क्यू कर लाया गया है. इस नए सदस्य के आने से जंगल की जैव विविधता और आकर्षण दोनों में वृद्धि हुई है.
रानीपुर टाइगर रिजर्व बन रहा पर्यटकों का आकर्षण
चित्रकूट के घने जंगलों के बीच फैला रानीपुर टाइगर रिजर्व अब राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल हो रहा है.
रानीपुर टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक डॉ. प्रत्यूष कटियार ने बताया कि राज्य सरकार चित्रकूट के पर्यटन विकास के लिए लगातार काम कर रही है. उन्होंने कहा कि यहां पर वन्यजीवों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, जिससे यह रिजर्व वन्यजीव प्रेमियों और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है.
रिजर्व में बढ़ रही है बाघ और तेंदुओं की संख्या
डॉ. कटियार के अनुसार, वर्तमान में रानीपुर टाइगर रिजर्व में 10 से अधिक बाघ, 100 से ज्यादा तेंदुए, और सैकड़ों की संख्या में हिरण मौजूद हैं. वन विभाग के अनुसार, यह बढ़ती संख्या पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है.
उन्होंने आगे बताया कि रिजर्व क्षेत्र में सुरक्षा और निगरानी को और मजबूत करने के लिए जल्द ही पेट्रोलिंग के लिए हाथियों की व्यवस्था की जाएगी, जिसके लिए शासन से मांग की गई है.
इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने की दिशा में कदम
रानीपुर टाइगर रिजर्व में बढ़ती वन्यजीव संख्या न सिर्फ पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में मदद कर रही है, बल्कि इको-टूरिज्म को भी नई दिशा दे रही है. यहां आने वाले पर्यटकों को प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ वन्यजीवों का रोमांचक अनुभव मिल रहा है.
डॉ. कटियार ने कहा कि,
“चित्रकूट के रानीपुर टाइगर रिजर्व को देश का प्रमुख इको-टूरिज्म डेस्टिनेशन बनाना हमारा लक्ष्य है. सरकार के प्रयासों से यह सपना जल्द साकार होगा”
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