मथुरा: उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद, पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में धौली प्याऊ स्थित रेलवे ग्राउंड पर चल रहे ब्रज रज उत्सव में बुधवार को भक्ति और सूफ़ी संगीत का अद्भुत संगम देखने को मिला. दोपहर से लेकर देर शाम तक हुए सांस्कृतिक कार्यक्रमों में कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से श्रद्धालुओं का मन मोह लिया.
भक्ति और सूफ़ी रंगों में रंगा उत्सव स्थल
दोपहर 3 बजे मंचीय कार्यक्रम की शुरुआत गायक निखिल शर्मा ने की। उनके सूफ़ी और भक्ति गीतों की मधुर प्रस्तुति ने ऐसा माहौल बनाया कि पूरा मैदान “हर हर महादेव” और “जय श्रीकृष्ण” के जयघोष से गूंज उठा। निखिल के गायन में भक्ति का भाव और सूफ़ियाना लय दोनों का सुंदर मेल देखने को मिला, इसके बाद हाकिम सिंह ने पारंपरिक ब्रज भजनों की प्रस्तुति देकर वातावरण को और अधिक भक्तिमय बना दिया। उनके सुरों में ब्रज की मिट्टी की खुशबू और श्रीकृष्ण प्रेम का माधुर्य झलकता रहा.
नम्रता सिंह ने मंच पर बिखेरा भक्ति का रंग
शाम के समय उभरती हुई युवा गायिका नम्रता सिंह ने ‘नमो बैंड’ के साथ मंच संभाला, उनकी मनमोहक आवाज़ में प्रस्तुत भजन— “हो गई मैं कान्हा तेरी जोगनिया”, “रामायण के तुम ही हो राघव”, “तुम ही हो कृष्णा अर्जुन के माधव”, “तुम ही आदि शंकरा”, “तुम ही सब दुख हर्ता” —ने दर्शकों को भक्ति रस में डुबो दिया. हर प्रस्तुति पर दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से कलाकारों का उत्साहवर्धन किया, इस अवसर पर सहायक नगर आयुक्त राकेश त्यागी ने भी एक सुंदर भजन प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम के अंत में डिप्टी सीईओ सतीश चंद्र ने कलाकारों को सम्मानित किया. मौके पर सहायक अभियंता दूधनाथ यादव, आर.पी. यादव, सी.पी. सिकरवार, डॉ. अनिल चतुर्वेदी, राजेश सिंह पिंटू सहित कई अधिकारी और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे.

मेला में भक्ति और उल्लास का संगम
पिछले चार दिनों से चल रहे ब्रज रज उत्सव में भक्ति संगीत के साथ-साथ मेले का उल्लास भी चरम पर पहुंच गया है, स्थानीय लोक कलाकारों ने डोल, नगाड़ा और बीन की थाप पर ब्रज की पारंपरिक लोकधुनें प्रस्तुत कर वातावरण को जीवंत बना दिया. रंग-बिरंगे परिधानों में सजे कलाकारों के लोकनृत्य और गीत दर्शकों के लिए मुख्य आकर्षण बने रहे. पूरा उत्सव स्थल देर रात तक भक्ति, संगीत और आनंद की गूंज से सराबोर रहा.
30 अक्टूबर के कार्यक्रम
राष्ट्रीय संगोष्ठी: ब्रज संस्कृति की अखिल भारतीय व्याप्ति — दोपहर 1 बजे, विशेष प्रस्तुति: पुनीत इस्सर और सिद्धार्थ इस्सर द्वारा “जय श्रीकृष्णा गीता सार” महानाट्य — शाम 7 बजे.
इसे भी पढ़े- निचलौल Accident: करंट लगने से युवक की दर्दनाक मौत


























