मथुरा: ब्रज रज उत्सव के तीसरे दिन मंगलवार की शाम भक्ति, संगीत और संस्कृति का ऐसा संगम देखने को मिला जिसने हर किसी का मन मोह लिया. प्रख्यात भजन गायिका अभिलिप्सा पांडा की मधुर आवाज़ ने धौली प्याऊ स्थित रेलवे ग्राउंड पर आयोजित इस आयोजन में ऐसा जादू बिखेरा कि पूरा पंडाल “जय श्रीकृष्ण” और “हर हर शंभु” के जयकारों से गूंज उठा.
उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद, पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में चल रहे ब्रज रज उत्सव के तीसरे दिन मौसम भी सुहावना हो गया, जिससे बड़ी संख्या में श्रद्धालु परिवार सहित पहुंचकर सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आनंद उठाने लगे.

भक्ति और संस्कृति का अद्भुत संगम
दिन के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत ब्रज के लोकनृत्य और लोकगायन से हुई. गायक गिरधर गोपाल शर्मा और उपमा पांडेय ने भक्ति रस से भरे भजन प्रस्तुत कर वातावरण को भक्तिमय बना दिया। अन्य कलाकारों की प्रस्तुतियों ने ब्रज की लोक परंपरा, संगीत और सांस्कृतिक गौरव को जीवंत कर दिया. जैसे ही शाम ढली, मंच पर अतिथि कलाकार अभिलिप्सा पांडा आईं तो दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत किया, उनकी आवाज़ में “वृंदावन प्यारों वृंदावन”, “गंगा तू कहाँ से लाएगा, तू भोले को क्या चढ़ाएगा”, “भोले भोले बम बम बोले” और “हर हर शंभु शंभु देवा महादेवा” जैसे भजनों ने भक्तों को भक्ति भाव में डुबो दिया.

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. अभिजीत मित्र (कुलपति, पं. दीनदयाल उपाध्याय वेटरिनेरी विश्वविद्यालय) और श्याम बहादुर सिंह (सीईओ, ब्रज तीर्थ विकास परिषद) ने अभिलिप्सा पांडा को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
इसके अलावा परिषद के एसीईओ मदन चंद्र दुबे, डिप्टी सीईओ सतीश चंद्र, प्रो. दिनेश खन्ना, डॉ. अनूप शर्मा और डॉ. अनिल चतुर्वेदी ने भी मंच पर कलाकारों का अभिनंदन किया.
कुंजलता मिश्रा की नृत्य नाटिका में झलकी मीरा की भक्ति और समर्पण
ब्रज रज उत्सव के मंच पर प्रसिद्ध ओडिसी नृत्यांगना कुंजलता मिश्रा ने संत मीरा बाई के जीवन पर आधारित एक भावपूर्ण नृत्य नाटिका प्रस्तुत की. “पायो जी मैंने राम रतन धन पायो” की धुन पर उन्होंने मीरा की भक्ति, प्रेम और समर्पण को ऐसी सजीवता से प्रस्तुत किया कि पूरा पंडाल भाव-विभोर हो गया. मीरा बाई की आध्यात्मिक यात्रा, आंतरिक संघर्ष और भगवान श्रीकृष्ण के प्रति उनके अटूट समर्पण को कुंजलता ने अपने भाव, भंगिमा और अभिनय से जीवंत कर दिया। दर्शकों ने तालियों की गूंज से उनका स्वागत किया. कुंजलता मिश्रा वर्तमान में राजस्थान के मेवाड़ विश्वविद्यालय में नृत्य विभाग की प्रमुख हैं और भारतीय शास्त्रीय कलाओं की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधि मानी जाती हैं.

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