मथुरा: धार्मिक नगरी मथुरा के राधाकुंड में अहोई अष्टमी के पावन पर्व पर सोमवार, 13 अक्टूबर 2025 को अर्धरात्रि स्नान का आयोजन हुआ. लाखों श्रद्धालु, विशेषकर निःसंतान दंपती, पुण्य लाभ कमाने और संतान सुख की प्राप्ति की कामना के लिए राधाकुंड और श्यामकुंड पहुंचे.
निःसंतान दंपतियों के लिए विशेष महत्व
धार्मिक मान्यता है कि अहोई अष्टमी की मध्यरात्रि को राधाकुंड और श्यामकुंड में डुबकी लगाने से निःसंतान दंपतियों की संतान प्राप्ति की मनोकामना पूरी होती है, इस विश्वास के साथ हजारों दंपतियों ने “जय श्री राधे” और “जय श्याम” के जयकारों के साथ पवित्र कुंडों में डुबकी लगाई. स्नान के बाद कई भक्तों ने राधारानी के मंदिरों में मत्था टेका और पूजा-अर्चना की.
मनोकामना पूरी होने पर हाजिरी
इस वर्ष स्नान करने आए श्रद्धालुओं में केवल संतान प्राप्ति की कामना करने वाले ही नहीं थे, बल्कि ऐसे दंपती भी शामिल थे जिनकी मनोकामना पिछले वर्षों में पूरी हो चुकी है. ये दंपती अपने बच्चों के साथ राधारानी के प्रति आभार व्यक्त करने और हाजिरी लगाने के लिए पहुंचे.
सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण
स्नान के दौरान सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण के लिए प्रशासन ने राधाकुंड और श्यामकुंड के आसपास व्यापक व्यवस्था की थी. पुलिस और स्वयंसेवकों की तैनाती के बावजूद, कुंड के चारों ओर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी, जो देर रात तक जारी रही.
आध्यात्मिक महत्व
इस स्नान के साथ ही अहोई अष्टमी का विशेष अनुष्ठान संपन्न हुआ, जिसने राधाकुंड और श्यामकुंड के आध्यात्मिक और चमत्कारी महत्व को एक बार फिर रेखांकित किया. श्रद्धालुओं ने इस अवसर पर भक्ति और श्रद्धा के साथ पवित्र कुंडों में डुबकी लगाकर मनोकामनाओं की पूर्ति की.
यह भी पढ़े- परानूपुर में श्रीराम कथा में उमड़ा जनसैलाब