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राजनीति का एक काला अध्याय: अतीक अहमद का उदय और पतन

अतीक अहमद का नाम उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक विवादित और चर्चित नाम रहा है.अतीक अहमद की जिंदगी एक आम आदमी की जिंदगी से बिल्कुल अलग थी, जिसमें अपराध और राजनीति के बीच में गहरा संबंध था.

प्रारंभिक जीवन और अपराध की दुनिया में कदम

इलाहाबाद के गांव बारा में रहने वाले हाजी यासीन के घर 10 अगस्त 1962 को एक बेटे ने जन्म लिया जिसका नाम अतीक अहमद गया. अतीक के घर के आर्थिक हालात कुछ ठीक नहीं थे. उसने अपनी स्कूली शिक्षा जैसे–तैसे पूरी करने के बाद अपराध की दुनिया में कदम रखा. शुरुआत में छोटे-मोटे अपराधों से शुरुआत की, लेकिन जल्द ही कुख्यात अपराधी बन गया.

अतीक अहमद के अपराध की दुनिया में प्रवेश के पीछे कई कारण थे. उसके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, और उसे अपने परिवार का पालन-पोषण करने के लिए पैसे कमाने की जरूरत थी. अपराध की दुनिया में उसे जल्दी से पैसे कमाने का एक आसान तरीका दिखाई दिया. शुरुआत में उसने चोरी और लूट जैसे अपराधों में कदम बढ़ाया, और देखते ही देखते खतरनाक अपराधों में शामिल हो गया.

राजनीतिक करियर

अतीक अहमद ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1989 में की, इलाहाबाद पश्चिम सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. इसके बाद समाजवादी पार्टी और अपना दल जैसी पार्टियों के साथ जुड़कर अपनी राजनीतिक स्थिति मजबूत की. अतीक अहमद ने कई बार विधायक और सांसद के रूप में चुनाव जीते और उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक प्रभावशाली व्यक्ति बना.

अतीक अहमद की राजनीतिक सफलता के पीछे कई कारण थे. उसने अपने अपराध के नेटवर्क का उपयोग करके अपने चुनाव अभियानों में अपने विरोधियों को धमकाने और डराने के लिए अपने गुर्गों का उपयोग किया.

अपराध और जेल

अतीक अहमद का नाम कई अपराधों से जुड़ा रहा है. अतीक पर हत्या, अपहरण, जबरन वसूली और जमीन हड़पने जैसे आरोप लगे. अतीक अहमद के खिलाफ कई मामले दर्ज हुए और कई बार जेल भी जाना पड़ा. इसके बावजूद, उसने अपने राजनीतिक शक्ति और प्रभाव का उपयोग करके अपने अपराधों को दबाने में सफल रहा.

अतीक अहमद के अपराधों के कारण कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी और कई लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा.

अतीक अहमद की हत्या

प्रयागराज में पुलिस कस्टडी के दौरान कुछ अज्ञात लोगों के द्वारा गोली मारकर माफिया अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की 15 अप्रैल 2023 को हत्या कर दी गई. अतीक अहमद की हत्या के बाद कई सवाल उठाए गए, जैसे कि पुलिस कस्टडी में हत्या कैसे हो गई और इसके पीछे कौन लोग जिम्मेदार थे.
अतीक अहमद की हत्या के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नए अध्याय की शुरुआत हुई है.

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